लखनऊ। चित्रकूट व बरेली जेलों में सेंधमारी की घटनाओं के बाद कुख्यातों की निगरानी के लिए लगातार कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। जेल में तैनात किए गए पांच आइपीएस अधिकारियों को चित्रकूट व बांदा समेत 10 जेलों का निरीक्षण कर वहां की हर व्यवस्था को परखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
डीजी जेल एसएन साबत ने आइपीएस अधिकारियों से 10 दिनों में निरीक्षण की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। उन्हें स्थानीय प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों से भी फीड बैक लेने के निर्देश दिए गए हैं। माफिया मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद हैं। जिसके चलते बांदा जेल को सर्वाधिक संवेदनशील जेलों में एक माना जा रहा है।
डीजी जेल ने बीते दिनों कारागार विभाग में तैनात किए गए एसपी शिवहरि मीना को जिला जेल नैनी व चित्रकूट, सुभाष चन्द्र शाक्य को जिला जेल जौनपुर व आजमगढ़, हिमांशु कुमार को केंद्रीय व जिला जेल वाराणसी तथा जिला जेल सोनभद्र, राजेश कुमार श्रीवास्तव को जिला जेल बलिया व मऊ तथा हेमंत कुटियाल को जिला जेल फतेहपुर व बांदा के निरीक्षण का जिम्मा सौंपा है।
पांच आइपीएस अधिकारी 12 अप्रैल तक जेलों का निरीक्षण कर उसकी रिपोर्ट कारागार मुख्यालय को उपलब्ध कराएंगे। जबकि 10 दिनों में विस्तृत रिपोर्ट देंगे। डीजी जेल ने जेलों के निरीक्षण के दौरान भीतर की कार्यप्रणाली के साथ संभावित अनियमितताओं, अवांछित गतिविधियों व अन्य गड़बड़ी की संभावनाओं का विश्लेषण भी करेंगे।
माना जा रहा है कि अगली कड़ी में अन्य जेलों की व्यवस्था को भी इसी प्रकार खंगाला जाएगा और सख्ती के लिए नई रणनीति के तहत कदम बढ़ेंगे। चित्रकूट जेल में माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी व बरेली जेल में माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ को सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के बड़े मामले सामने आए थे। जिसके बाद कारागार प्रशासन पर बड़े सवाल उठे थे।
शासन ने मामलों की गंभीरता को देखते हुए जेलों में कुख्यातों की निगरानी बढ़ाए जाने के कड़े निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर दोषी जेल अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की गई है। योगी के निर्देश पर ही कारागार विभाग में एसपी स्तर के पांच आइपीएस अधिकारियों की तैनाती की गई है।
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