अब महीने में चार बार होगा आयोजन, हर माह की पहली, नौ, 16 और 24 तारीख को होगा आयोजन
उरई(जालौन)। जनपद में अधिक से अधिक महिला व शिशु को लाभान्वित करने के उद्देश्य से चल रहे प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का विस्तार किया गया है। हर माह के 9 और 24 तारीख को चलने वाला यह अभियान अब 1 और 16 तारीख को भी चलेगा। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनडी शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि अब महीने में चार बार आयोजन होने से अब ज्यादा से ज्यादा महिलाएं लाभान्वित हो सकेंगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पत्र जारी करके निर्देशित करते हुए कहा कि इस अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं के चिन्हाकंन करने के साथ ही साथ महिलाओं को जांच और इलाज में प्राथमिकता देने के साथ ही उनके उपचार के लिए विशेष व्यवस्था भी करने का काम करेगी। इसके पूर्व में पीएमएसएमए दिवस हर महीने की 9 और 24 तारीख को मनाया जाता रहा है। अब इस अभियान को विस्तार किया गया और 1 और 16 तारीख को भी आयोजन करने का फैसला लिया गया है।अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच डॉ वीरेंद्र सिंह ने बताया कि अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए चलाया जाता है। अभियान के दौरान प्रसव पूर्व जांच एवं अन्य सुविधाएं गर्भवती महिलाओं को एक से अधिक बार उपलब्ध कराया जाता है। सामान्य जांच के दौरान हाई रिस्क प्रेगनेंसी होने वाली महिलाओं को चिन्हित करके उनको आवश्यक डॉक्टरी सलाह दिया जाता है।विभिन्न कारणों से जोखिम गर्भावस्था मातृ शिशु की मृत्यु का कारण बनती है। प्रसव पूर्व छोटी बड़ी कई कमियों का सामने नहीं आ पाना इसकी प्रमुख वजह है। गर्भवती को महिलाओं को चिन्हित उच्च रक्तचाप, गंभीर रक्ताल्पता, मधुमेह, दिल की बीमारी, क्षय रोग, मलेरिया आदि की स्थिति में जोखिम बना रहता है। स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य ऐसी महिलाओं को प्रसव पूर्व ही चिन्हित कर उपचार करना है। इससे कि प्रसव के दौरान खतरनाक स्थिति न बने। प्रसव पूर्व जांच में ऐसी महिलाओं को चिन्हित कर सरकारी अस्पतालों मंर उनका उपचार किया जाएगा। जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता रूबी वर्मा ने बताया की अब तक प्रत्येक माह की 9 तारीख को सभी स्वास्थ्य इकाइयों में पीएमएसएमए मनाया जा रहा था। अब इसमें और तेजी लाने के लिए प्रमुख सचिव ने इसे हर माह 1 और 16 तारीख को भी जनपद की एफआरयू ( फर्स्ट रेफरल यूनिट ), जिला महिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में यह अभियान चलाया जाएगा। इसमें द्वितीय व तृतीय त्रैमास की गर्भवती की जांच होगी। उन्होंने बताया कि हर माह की 9 तारीख को जनपद के जिला महिला अस्पताल सहित ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य इकाईयों में और हर माह की 24 तारीख को जनपद की एफआरयू ( फर्स्ट रेफरल यूनिट) में यह आयोजन किया जाता रहा है। उन्होंने बताया कि यदि उक्त तिथियों में अवकाश होता है तो यह आयोजन अगले कार्य दिवस में होगा।
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