प्रयागराज में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद 16 अप्रैल को इंटरनेट सेवा रोक दी गई। दूसरे दिन भी तनाव के चलते इंटरनेट बंद रखा गया। करीब 41 घंटे तक इंटरनेट बंद रहा। कहने को तो ये मात्र कुछ घंटे हैं, लेकिन ऐप और इंटरनेट से चलने वाली कंपनियों की हालत खराब हो गई। आम लोगों का कहना है कि इंटरनेट बंद होने से वे परेशान हो गए। हालांकि अब नेट सेवा बहाल हो चुकी है।
लेकिन नेट बंद रहने के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान में रेपिडो, जोमैटो, स्विगी, पिज्जा हट, ओला और उबर जैसी कंपनियां रहीं। इनमें लोग ऑर्डर नहीं कर सके। साथ ही इस दौरान अमेजन, फ्लिपकार्ट और मीशू जैसी कंपनियों में भी बुकिंग नहीं हुई। ऑनलाइन बुकिंग के भरोसे चलने वाले रेस्टोरेंट का बिजनेस भी प्रभावित हुआ। व्यापारियों का अनुमान है कि इंटरनेट बंद रहने से 2 दिन में करीब 800 करोड़ का नुकसान हुआ है।
रिटेल सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ
प्रयाग व्यापार मंडल के महामंत्री सुहेल अहमद खान कहते हैं कि रिटेल सेक्टर में करीब 400 करोड़ रुपए का व्यापार प्रभावित हुआ है। क्योंकि, दुकानें नहीं खुलीं। 200 करोड़ रुपए का ऑटो मोबाइल सेक्टर, 100 करोड़ रुपए का होटल-रेस्टोरेंट का बिजनेस प्रभावित हुआ है। टूरिज्म प्रभावित होने से प्रयागराज का बाकी बाजार में होने वाली खरीद-फरोख्त भी प्रभावित हो गई। इससे करीब 100 करोड़ रुपए के दूसरे बिजनेस पर भी असर पड़ा। इस तरह से कुल करीब 800 करोड़ के बिजनेस प्रभावित हुआ।
पहले ही दिन 350 करोड़ का बिजनेस नहीं हुआ
अब ऑनलाइन ट्रांजैक्शन अधिकतर लोगों की आदत में शामिल हो गया है। सब्जी वाले, किराना की दुकान, चाय-पान की रेहड़ी लगाने वालों तक को लोग ऑनलाइन पेमेंट करते हैं। भीम, पेटीएम, गूगल-पे, फोन-पे से भी भुगतान नहीं हो सका। ऐसे में कैश न रखने वाले और डिजिटल पेमेंट के भरोसे रहने वालों को काफी परेशानी हुई। व्यापारियों का अनुमान है कि पहले ही दिन करीब 350 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हो गया था।
ऑनलाइन लेन-देन, बुकिंग, बिलिंग सब कुछ प्रभावित
17 अप्रैल को भी नेट सेवाएं बंद होने से समस्या कई गुना बढ़ गईं। ऑनलाइन लेन-देन, बुकिंग, बिलिंग सहित कई सेवाएं ठप रहीं। दूसरे दिन 450 करोड़ रुपए के कारोबार के प्रभावित होने का अनुमान है। प्रयागराज में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अमित शुक्ला का कहना है कि नेट नहीं चलने से हमारे जैसे लाखों युवा लाइब्रेरी नहीं जा सके। ऑनलाइन क्लास नहीं ले पाए। ऐसे में उन्हें काफी दिक्कत हुई।
मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले शिवम शुक्ला इन दिनों वर्क फ्रॉम होम में हैं। उन्होंने बताया कि नेट नहीं चलने से वह ऑफिस का काम नहीं कर सके।
40% तक घट गई सेल
प्रयागराज के मम्फोर्डगंज में डॉ. निगम चौराहे पर रिया मेडिकल स्टोर चलाने वाले रितांशु जायसवाल का कहना है कि नेट सेवा बंद होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऑनलाइन पेमेंट नहीं होने से 40% तक सेल कम हो गई। ऐसा इसलिए, क्योंकि डिजिटल इंडिया अभियान के बाद अब कैश देने वालों की संख्या केवल 50% रह गई है। संवेदनशील मामला होने के बाद लोग एटीएम तक भी नहीं जाना चाहते।
मम्फोर्डगंज में ही साइबर कैफे चलाने वाले हेमंत कुमार श्रीवास्तव कहते हैं कि 2 दिन से नेट नहीं आने से हमारे काफी काम ठप है। सिर्फ इतना नहीं, लोगों के फूड ऑर्डर भी नहीं हाे सके। जैसे पिज्जा हट और डॉमिनोज से लोग फूड आइटम नहीं मंगवा सके।
वाहनों के लिए नहीं हो सकी ऑनलाइन बुकिंग, RTO में भी काम ठप
इंटरनेट सेवा बंद होने से ऑनलाइन बुकिंग से चलने वाली ओला और उबर की भी 1000 कारें खड़ी रहीं। पिछले 2 दिन बनारस, लखनऊ, कानपुर में चलने वाली आम टैक्सी की तरह ये गाड़ियां चलीं। संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय (RTO) पर भी सोमवार को कोई काम नहीं हो सका। इंटरनेट सेवा बंद होने से वाहन फिटनेस, लर्निंग लाइसेंस, परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर सहित कई अन्य काम नहीं हो सके। इससे दूर-दराज से आए लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी।
17 अप्रैल को आधी रात बहाल हुई मोबाइल नेट सेवा
प्रयागराज के डीएम संजय खत्री से जब दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने सवाल किया कि इंटरनेट सेवा को बंद करने की क्या जरूरत पड़ गई? उन्होंने कहा कि अतीक और अशरफ की हत्या के बाद पश्चिमी क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा था। लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बनी रहे और लोग फेसबुक-ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लोग भड़काऊ पोस्ट न कर सकें। इसलिए नेट सेवा बंद की गई थी। 17 अप्रैल की रात 12 बजे से नेट सेवा बहाल कर दी गई है।
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