यंग भारत ब्यूरो
नदी की लड़ाई अब दिल्ली दरबार तक पहुंच चुकी है, जी हां, हम बात कर रहे हैं योगी सरकार में औद्योगिक विकास मंत्री व प्रयागराज शहर दक्षिणी विधायक नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी की. दरअसल नन्दी ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनकी यह नाराजगी सपा नेता रईस चंद्र शुक्ला को बीजेपी में शामिल करने से सामने आई है. नंदी का कहना है कि स्थानीय विधायक होने के नाते रईस चंद्र शुक्ला को बीजेपी में शामिल करने से पहले उनसे एक बार भी राय नहीं ली गयी यही नहीं उन्हें इसकी कोई औपचारिक सूचना भी नहीं दी गई.
जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे नन्दी, गृह मंत्री से भी मांगा मिलने का समय
मंत्री नंदी जल्दी इस मामले को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे और इस बात पर नाराजगी जाहिर करेंगे. यही नहीं उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का भी समय मांगा है.
रईस चंद्र शुक्ला के बीजेपी में शामिल होने से इतने नाराज क्यों हैं नंदी
दरअसल बात ये है कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा की उम्मीदवारी पर रईस चंद्र शुक्ला ने गोपाल नंदी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, हालांकि इन चुनावों में शुक्ला को हार का मुंह देखना पड़ा था. अब नंदी को इसी बात से आपत्ति है कि उनके खिलाफ खड़े प्रत्याशी को पार्टी ने उन्हें बिना कोई जानकारी दिए कैसे पार्टी में शामिल कर लिया. मंद्री नदी ने कहा कि 2022 में मेरे खिलाफ चुनाव लड़कर बुरी तरह हारे रईस चंद्र शुक्ला को बीजेपी ज्वॉइन कराने का प्रस्तावित कार्यक्रम घोर आपत्तिजनक और अपमानजनक है.
‘स्थानीय विधायक की उपेक्षा बेहद गंभीर मामला’
उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक की उपेक्षा करते हुए विपक्षी उम्मीदवार को पार्टी में शामिल करना बेहद गंभीर मामला और गहरी साजिश है. उन्होंने इसे अवैध तक कह डाला. नन्द गोपाल नंदी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कुछ लोग पार्टी को प्राइवेट कंपनी की तरह चलाना चाहते हैं और अपनी जिद से पार्टी को लगातार क्षति पहुंचा रहे हैं. मंत्री ने कहा कि ताजा मामला बीजेपी के सिद्धांतों के सर्वथा प्रतिकूल है.
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