अनिल शर्मा + संजय श्रीवास्तव
प्रत्याशियों के बीच सांप सीढी का फार्मूला तय करेगा जीत और हार
रेखा वर्मा , गिरजा देवी, कुसमॎरानी के ये है प्लस माइनस पॉइंट
उरई(जालौन)। जनपद जालौन की मुख्यालय उरई नगर पालिका का अध्यक्ष पद की सीट अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित है है| यहां भाजपा ने पार्टी की जिला उपाध्यक्ष रेखा वर्मा को प्रत्याशी बनाया है जबकि बहुजन समाज पार्टी ने पूर्व पालिका अध्यक्ष गिरजा देवी को और समाजवादी पार्टी मेंकुसमा रानी धोबी को पॗत्याशी बनायाहै| इसी तरह कांग्रेस पार्टी ने श्यामा जाटव को प्रत्याशी बनाया है| बसपा प्रत्याशी गिरजा देवी जो पूर्व पालिका अध्यक्ष है के चुनाव का प्रबंधन उनके पुत्र और पालिका के पूर्व अध्यक्ष विजय चौधरी संभाल रहे हैं जिन्हें लोग विकास पुरुष के भी नाम से जानते हैं| वहीं समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी कुसमा रानी धोबी के चुनाव का प्रबंधन उनके पुत्र भूप सिंह धोबी संभाल रहे हैं| इन दोनों ही प्रत्याशियों की उम्र लगभग 80 वर्ष है जिसके कारण अधिकांश मोहल्लों में मतदाता संपर्कों के दौरान विजय चौधरी और रूप सिंह धोबी ही नजर आते हैं| लेकिन जब बात चर्चा में आई तो कई मोहल्लों में विजय चौधरी अपने साथ अपनी मां और बसपा प्रत्याशी गिरजा देवी को भी ले गए इसी तरह भूप सिंह धोबी सपा प्रत्याशी अपनी मां कुसमा रानी कौ भी कई मोहल्लों में मतदाताओं के से संपर्क के अभियान में साथ में ले गए| . इस नगर पालिका के अध्यक्ष पद के चुनाव में जातियों का बोलबाला है अगर जातीय आकड़ों से इस चुनाव को देखें तो जहां इस नगर पालिका क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 1 लाख 82000 है| वही जातियों के हिसाब से सबसे ज्यादा मतदाताओं की संख्या मुसलमानों की है उनकी संख्या लगभग 40, हजार है| जबकि चौधरी समाज यानी अहिरवार दोहरे जाटव समाज की कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 35000 है जो बसपा का वोट बैंक माना जाता |इसी तरह दलितों में पूरी बिरादरी जो भाजपा का वोट बैंक है के मतदाताओंहै|| की संख्या लगभग 20000 है| धोबी समाज के मतदाताओं की संख्या लगभग 7 हजार है| समाजवादी पार्टी ने धोबी समाज की कुसमा रानी को प्रत्याशी बनाया है| जबकि कांग्रेस पार्टी ने जाटव समाज की श्यामा जाटव प्रत्याशी बनाया है जाटव बिरादरी का वोट लगभग 5000 है| इसी तरह सवर्ण जातियों में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या लगभग 18000 है ठाकुर मतदाताओं की संख्या लगभग 10,000 है बस मतदाताओं की संख्या लगभग 35000 है जबकि कायस्थों मतदाताओं की संख्या लगभग 4000 है. इसी तरह ओबीसी समाज की लोधी बिरादरी का लगभग 10,000 मतदाता है जबकि यादव बिरादरी का 7000 और कुशवाहा बिरादरी का भी 7000 मतदाता है इसी तरह प्रजापति समाज का लगभग 4000 मतदाता है जबकि बाल्मिक समाज का लगभग 5000 से अधिक मतदाता है| अगर प्रत्याशियों प्लस और माइनस पॉइंट दृष्टि से देखा जाए तो बहुजन समाज पार्टी आधार वोट अहिरवार दोहरे और जाटव समाज माना जाता है इसमें से कांग्रेस में जाटव समाज की नेता श्यामा जाटों को चुनाव मैदान में उतार दिया है जिससे बसपा को जाटव समाज का वोट नहीं मिलेगा और यह उसका नुकसान होगा| कोई भाजपा के विद्रोह कर एक प्रत्याशी चोकोरी बिरादरी क्या है वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहा है जिससे भाजपा को भी थोड़े बहुत पूरी मतों का नुकसान होने की संभावनाहै बसपा प्रत्याशी गिरजा देवी के पुत्र विजय चौधरी के अजीज मित्र जलील मंसूरी उर्फ जलील सेठ मुंबई वाले के करीबी रिश्तेदार ैएनुल मंसूरी कालपी से बसपा से विद्रोह कर ओवैसी की पार्टी ए आई एम आई एम के टिकट पर कालपी में पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे हैं इसका कुछ असर उरई में देखने को मिल सकता है| अभी तक पूरे प्रदेश में मुसलमानों का रुझान समाजवादी पार्टी के प्रति ज्यादा ज्यादा है | क्योंकि ज्यादातर मुस्लिम लोगों का मत है कि मायावती भाजपा की बी टीम है लेकिन उरई में उल्टा है यहां विजय चौधरी को विकास पुरुष माना जाता है इसलिए गिरजा देवी के पक्ष में ज्यादा मुस्लिमों का वोट मिलने की संभावना है| उरई में लगभग 40000 मुस्लिम वोट है इनका 50% गिरजा देवी को मिलने की संभावना है जबकि 40% सपा प्रत्याशी कुसमा देवी धोबी को मिलने की संभावना है जबकि 10% वोट कांग्रेस प्रत्याशी श्यामा जाटों को मिलने की संभावना जताई जा रही है वहीं भाजपा के नेता यह कह रहे हैं मुस्लिम महिलाएं जो तलाक की यात्राएं भोग रही हैं इसके अलावा जिन्हें प्रधानमंत्री योजना में मकान मिले हैं मकान का ऋण मिला है गैस मिली है तथा खाद्यान्न फ्री में मिला है उनके वोट कुछ प्रस्ताव उनकी प्रत्याशी रेखा || बहराल चुनाव की जो स्थिति सामने उभर कर आ रही वर्मा को भी मिल सकते हैं बैरल अभी मतदान में अभी 4 दिन शेष है इस बीच मुस्लिम का वोट और अकाउंट मुस्लिम वोट का किस करवट बैठेगा यह कहना अभी मुश्किल है क्योंकि यह देखने में आया है कि मुस्लिम समाज मतदान के दिन के 1 दिन पहले सब कुछ तय करता है बहरहाल अभी तक जो तस्वीर उभरकर सामने आई है उसमें कमल और हाथी का तगड़ा मुकाबला होता नजर आ रहा है जबकि सपा प्रत्याशी इस चुनाव को त्रिकोण आत्मक बनाने में लगा हुआ
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