इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने यहां स्थित भगवान शेष नागेश टीलेश्वर महादेव मंदिर में पूजा करने की अनुमति देने के आग्रह वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. अदालत ने इस केस में सुनवाई करते हुए टीलेश्वर महादेव मेंदिर को लेकर केंद्र और राज्य सरकार तथा सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड से जवाब मांगा है. खंडपीठ ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 18 जुलाई तय की है.
ये याचिका हिन्दू महासभा की ओर से दाखिल की गई है. न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने हिंदू महासभा द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया. याचिकाकर्ता ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें स्थल पर प्रार्थना करने से मना किया गया था. याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि उन्होंने निचली अदालत में टीलेश्वर महादेव मंदिर में पूजा की मांग को लेकर वाद डाला था, जिसपर कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया. जिसके बाद उन्होंने इस आदेश को चुनौती दी है.
जानें क्या है पूरा मामला
भगवान शेष नागेश टीलेश्वर महादेव मंदिर दरअसल लखनऊ की मशहूर टीले वाली मस्जिद के बगल में स्थित है. हिन्दू पक्ष का दावा है कि लक्ष्मण टीला स्थित मंदिर और टीले वाली मस्जिद के अंदर लार्ड शेषनाग का मंदिर है, जिसे नष्ट किया जा रहा है. हिन्दू पक्ष के मुताबिक औरंगजेब ने अपने शासन के दौरान लक्ष्मण टीला पर स्थित मंदिर को तोड़ दिया था और मंदिर के आधे हिस्से की जमीन पर मस्जिद बना दी.
दावा है कि इसकी बाउंड्री के बाहर अब भी शेषनाग पटल कूप, शेषनागेष्ट टीलेश्वर महादेव मंदिर और पुराने हिंदू मंदिर आज भी है. मस्जिद में स्थित भगवान की प्राचीन मूर्तियों को नष्ट किया जा रहा है. वहीं इस संबंध में मस्जिद का सर्वे कराए जाने की भी मांग की गई है. ये मामला भी कोर्ट में है.
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