लखनऊ: लेसा से रिटायर्ड अवर अभियंता को एक विज्ञापन देख कर एंटीक सिक्के बेचने के लिए मोबाइल से कॉल कर संपर्क करना महंगा पड़ गया। साइबर जालसाजों ने पीड़ित को झांसा दिया कि एंटीक सिक्कों की कीमत 50 लाख रुपये दी जाएगी। इसके बाद पीड़ित से साइबर जालसाजों ने टैक्स, दी जा रही रकम के बीमा और अन्य औपचारिकताओं के नाम पर 11,33,149 रुपये ठग लिए। ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने चिनहट पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
चिनहट स्थित देवा रोड पर गोपाल चंद्र बागजी रहते हैं। वह लेसा से अवर अभियंता के पद से रिटायर्ड हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास कुछ एंटीक सिक्के हैं, जिन्हें वह बेचना चाहते थे। कुछ दिन पहले उन्होंने एंटीक सिक्के खरीदने के संबंध में दिया गया एक विज्ञापन देखा तो उसमें दिए नंबर पर कॉल की। दूसरी ओर से बात करने वाले ने खुद को ओल्ड कॉइन कंपनी का मालिक अभय चौहान बताया और सिक्कों की फोटो वॉट्सऐप पर मांगी। फोटो भेजने पर जालसाज ने उनको झांसा दिया कि उनके सिक्के 50 लाख रुपये में बिक जाएंगे। सिक्के बेचने के लिए प्रॉसेसिंग फीस 750 रुपये देनी होगी।
पीड़ित ने जालसाज के बताए रवि शर्मा के खाते में रुपये ट्रांसफर कर दिए। पीड़ित ने बताया कि जालसाजों अभय चौहान, कंपनी के एमडी राज ज्ञानी और रवि शर्मा ने टैक्स, बीमा के साथ ही अन्य मदों में कई बार में उनसे रुपये अपने खातों में ट्रांसफर करवाए। कुल मिलाकर आरोपितों ने उनसे 11,33,149 रुपये लिए, लेकिन 50 लाख रुपये नहीं दिए। पीड़ित का कहना है कि आरोपित अब भी रुपये मांग रहे हैं। ठगी का अहसास होने पर गोपाल चंद्र ने चिनहट पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज करवा दी है। पुलिस का कहना है कि मामले की पड़ताल की जा रही है।
बुजुर्ग रहे अलर्ट-
- बुजुर्गों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। साइबर जालसाज अधिकतर बुजुर्गों को अपना शिकार बना रहे हैं। बुजुर्गों को ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने से पहले भी अलर्ट रहना चाहिए। ऑनलाइन ट्रांजक्शन करने से पहले चेक करवा लें कि किसके खाते में रुपये ट्रांसफर हो रहे हैं।
- किसी भी चीज के लिए बार-बार प्रॉसेसिंग फीस नहीं लगती है। इस लिए ऑनलाइन रुपये भेजने से पहले सही से जांच पड़ताल कर लें।
- 24 घंटे के अंदर 1930 नंबर पर शिकायत करने पर मदद मिलने की अधिक संभावना रहती है।
- cybercrime.gov.in पर भी जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
- यूपी पुलिस के UPCOP ऐप की मदद से भी लोग अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
- थाने, चौकी, साइबर क्राइम सेल और साइबर थाने पर भी जाकर शिकायत की जा सकती है।