प्रदेश में 4000 से अधिक अवैध मदरसों पर जल्द बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी है. मदरसों के संचालन में विदेशी फंडिंग की बात सामने आई है. 24 मई के बाद बड़ी कार्रवाई देखने को मिल सकती है. सरकार मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं चलने तक कार्रवाई को रोके हुए है. प्रदेश सरकार ने पिछले साल प्रदेश भर में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराया था. सर्वे की रिपोर्ट में 8441 मदरसे अवैध रूप से संचालित पाए गए थे. 12 बिंदुओं पर आधारित सर्वे में मदरसों की आय से संबंधित भी एक सवाल था.
मदरसों के संचालन में विदेशी फंडिंग
मदरसा संचालकों ने हैदराबाद, मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता समेत कई अन्य राज्यों से फंड मिलने की बात कबूली थी. शक होने पर मदरसों के आय स्रोत की गहनता से तफ्तीश की गई. पता चला कि पैसा सऊदी अरब, नेपाल, बांग्लादेश समेत कुछ अन्य देशों से आता है. मदरसा संचालक भी फंडिंग से जुड़े सभी दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाए. मदरसों की जांच के बाद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और पुलिस अधिकारियों मंथन कर चुका है. मंथन के बाद तय हुआ कि आय स्रोत नहीं बताने वाले मदरसों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.
कार्रवाई करने की तैयारी में सरकार
सर्वे के दौरान खुलासा हुआ कि नेपाल से सटे जिलों में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का पूरा जाल फैला हुआ है. सबसे अधिक 500 सिद्धार्थनगर, लगभग 400 बलरामपुर, 400 श्रावस्ती, 200 लखीमपुर खीरी, 60 महाराजगंज में अवैध रूप से चलते हुए मदरसे मिले. ऐसा नहीं है कि सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों पर कार्रवाई की ही तैयारी है बल्कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने साफ कर दिया है कि गड़बड़ी नहीं मिलने पर मदरसों को मान्यता देने का भी काम किया जाएगा. लेकिन विदेशी फंडिंग के माध्यम से अवैध संचालित मदरसों पर कार्रवाई तय है.
Get real time update about this post categories directly on your device, subscribe now.