उरई(जालौन)। जालौन में 6 साल पहले दहेज की अतिरिक्त मांग को लेकर एक महिला की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इसके साथ ही उसके शव को पति ने परिजनों के साथ मिलकर खेत में फेंक दिया था। इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट (महिलाओं के प्रति अपराध के मामले) के न्यायाधीश ने साक्ष्यों के आधार पर पति को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 20 हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाया है। वहीं, साक्ष्यों के अभाव में महिला की सास, देवर और चचिया ससुर को दोष मुक्त कर दिया। सजा सुनाए जाने के बाद आरोपी को गिरफ्तार करते हुए उसे जेल भेज दिया गया।
इस मामले की पैरवी करने वाले सहायक शासकीय अधिवक्ता हृदेश पांडे ने बताया कि डकोर कोतवाली में 20 नवम्बर 2017 को महोबा जनपद के कुलपहाड़ थाना क्षेत्र के ग्राम सुगरा निवासी बद्री प्रसाद पुत्र कमला प्रसाद ने प्रार्थना पत्र दिया था कि उसने अपनी बेटी मिथिलेश का विवाह 4 साल पहले 2013 में डकोर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम ऐरी रामपुरा के रहने वाले पूरन पुत्र मूलचंद के साथ किया था। विवाह में अपनी सामर्थ्य के अनुसार घर गृहस्थी का सामान और नगद 50 हजार रुपए पूरन और उसके पिता को भेंट किये थे। विवाह के उपरांत पुत्री मिथिलेश का पति पूरन, सास सुंदर, देवर खिलावन, चचिया ससुर लालदीवान पुत्री को अतिरिक्त दहेज में मोटरसाइकिल और सोने की चेन की मांग करने लगे, जिनकी यह मांग पूरी नहीं की तो यह लोग पुत्री के साथ मारपीट करने लगे। शादी के डेढ़ साल बाद बेटी को खुश देखने के लिये 35 हजार रुपए नगद और मोटर साइकिल खरीद कर दी, लेकिन उक्त लोग संतुष्ट नहीं हुए और 17/18 नवंबर 2017 की रात में दहेज लोभियों ने बेटी की तलघर में ले जाकर हत्या कर दी। इसके साथ ही रात में ही शव को खेत की झाड़ियों में फेंक आए। इस मामले में पिता की तहरीर के आधार पर दहेज हत्या का मुकदमा पंजीकृत किया गया था, जिसकी जांच उरई क्षेत्राधिकारी द्वारा की गई थी, जिन्होंने मामले में चार्जशीट पेश की। सहायक शासकीय अधिवक्ता हृदेश पांडे ने बताया कि 6 साल तक चली सुनवाई के बाद साक्ष्यों के आधार पर पति पूरन को हत्या का दोषी मानते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश कमर अहमद द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही आरोपी पति पर 20 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है। वहीं साक्ष्यों के अभाव में सास, देवर खिलावन और चचिया ससुर लालदीवान को कोर्ट ने दोषमुक्त किया है। सजा सुनाए जाने के बाद आरोपी को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया।