भगवती मिश्रा- प्रभारी जालौन तहसील + त्रिलोकी नाथ गुप्ता
प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय कुरेपुरा कनार में जलभराव से बच्चे हो रहे परेशान
जालौन।कुठौंद ब्लॉक की ग्राम पंचायत कुरेपुरा कनार के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय में जलभराव के कारण शिक्षा ग्रहण कर रहे नौनिहाल बहुत परेशान है! उन्हें आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है! इतना ही नहीं जलभराव के कारण विभिन्न कीट पतंगों कीड़ों से भी उनकी जान को खतरा हो सकता है! बच्चों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है! परंतु ग्राम प्रधान कुरेपुरा कनार शिवदास गुप्ता व प्रधान प्रतिनिधि ध्रुव गुप्ता को इससे कुछ लेना देना नहीं है! सत्ता की हनक में वह योगी जी के जीरो टालरेस नीति को ठेंगा दिखाकर भ्रष्टाचार का तड़का लगाने में लगे हुए हैं! नाम न छापने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया की प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय में कायाकल्प के अंतर्गत ग्राम प्रधान द्वारा इंटरलॉकिंग का कार्य कराया गया है! जिसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ है, इंटरलॉकिंग के दौरान जल निकलने हेतु ढाल व जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई! सिर्फ दिखावा के लिए इंटरलॉकिंग डालकर इतिश्री कर ली गई और अच्छी खासी रकम प्रधान जी ने निकलवाई है! प्रधान जी के इंटरलाकिग मे भ्रष्टाचार का परिणाम यह हुआ कि बारिश में पूरे स्कूल में जलभराव हो गया, बच्चे जैसे तैसे स्कूल पहुंचे तो वहां पर जलभराव के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है व उन्हें कीट पतंगों का भी भय रहता है! इस समय सरकार द्वारा भी संचारी रोग जागरूकता अभियान में जलभराव नहीं करने के लिए कहा जाता है! परंतु ग्राम प्रधान कुरेपुरा कनार के मनमानी व भ्रष्टाचारी रवैया के कारण स्कूल में बहुत अधिक जलभराव है और इसमें बच्चे परेशानी से जूझ रहे हैं! यदि सही रुप से जांच हो तो मानक के अनुसार इंटरलॉकिंग का कार्य नहीं किया गया है इसकी दर परत खुलकर सामने आ जाएगी! स्कूल मे जलभराव के कारण गाँव के बच्चों व ग्रामवासियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है!
भारत विकास परिषद व संस्कार भारती के तत्वावधान में विलक्षण शंखों व सीपों की प्रदर्शनी की गई आयोजित
शंख नाद से हैजा गर्दन तोड़ बुखार मलेरिया आदि के कीटाणु नष्ट होते है–डॉ हरी मोहन
जालौन।भारत विकास परिषद “प्रमुख” शाखा जालौन एवं संस्कार भारती के संयुक्त तत्वावधान में श्रीमती सन्ध्या पुरवार व डा. हरी मोहन पुरवार उरई द्वारा अपने निजी संग्रह से अद्भुत और विलक्षण शंखों, सीपों तथा कौडियों की प्रदर्शनी स्थानीय जालौन बालिका इंटर कालेज परिसर आयोजित की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व सीएमओ डॉ एम पी सिंह व विशिष्ट अतिथि प्रमुख समाजसेवी मधु सिंहल , प्रधानाचार्या पूजा विश्वकर्मा जी ने भारत माता एवं स्वामी विवेकानंद जी के चित्रों पर माल्यार्पण कर व दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। “प्रमुख” शाखा के अध्यक्ष पवन कुमार अग्रवाल, अरविंद श्रीवास्तव, महिला संयोजिका श्रीमती ऊषा गुप्ता, श्रीमती कंचन अग्रवाल, श्रीमती गरिमा अग्रवाल, श्रीमती निधि अग्रवाल , श्रीमती अनीता माहेश्वरी, सचिव अखिलेश गुप्ता, अनुराग निरंजन,अजय श्रीवास्तव, पीयूष गुप्ता, अनुरुद्ध विश्नोई, सौरभ अग्रवाल, भाजपा अध्यक्ष अभय राजावत, कुंवर सिंह यादव दीपू तिवारी, गुड्डू भदौरिया, सन्तोष द्विवेदी, गुड्डन भदौरिया,आदि ने अतिथियों व डॉ हरीमोहन पुरवार, श्रीमती संध्या पुरवार का माल्यार्पण कर सम्मानित किया। इस अवसर पर डा0 हरी मोहन पुरवार ने शंखों के महात्व पर प्रकाश डालते हुये कहा कि सन 1928 ई0 में बर्लिन विश्व विद्यालय में शंख ध्वनि के ऊपर विशेष अनुसंधान किया गया जिससे यह प्रमाणित हुआ कि शंख ध्वनि द्वारा तमाम रोग फैलाने वाले कीटाणुओं का विनाश होता है।इस अनुसंधान से यह भी निष्कर्ष निकला कि शंख नाद से हैजा, गर्दन तोड बुखार, मलेरिया आदि के कीटाणु भी नष्ट होते हैं। शिकागो (अमेरिका) के डा0 ब्राईन ने शंख ध्वनि से मिर्गी,मूर्छा, कन्ठमाला तथा कोढ के 1400 मरीजों को रोगमुक्त किया था। डा0 पुरवार ने आगे बतलाया कि आजकल फेफड़ों की बीमारी में चिकित्सकगण स्पाईरोमीटर का उपयोग करने की सलाह देते हैं। हजारों वर्षों से हमारी सनातन संस्कृति में शंख बजाने की क्रिया चली आ रही है जिसके परिणामस्वरूप फेफड़ों की बीमारी ही नहीं होती है तथा न ही स्पाईरोमीटर की आवश्यकता पडती है।श्रीमती सन्ध्या पुरवार ने कहा कि हमारे सनातन धर्म ग्रन्थों में यह वर्णन मिलता है कि समुद्र मंथन के परिणामस्वरूप शंख व माता लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था जिससे दोनों सहोदर भाई बहिन हुये।अतः घर में शंख के नियमित विधिवत् पूजन से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। इस शंख प्रदर्शनी में भगवान श्रीगणेश, श्रीकृष्ण मातारानी तथा श्रीशिवशंकर से सम्बन्धित तमाम शंख प्रदर्शित किये गये। साथ ही साथ डाक टिकटों पर अंकित विशेष शंख, सीप,कौडियों के सापेक्ष शंख, सीप कौडियों का प्रदर्शन भी आकर्षण का केन्द्र रहा। इनके साथ मुद्राओं पर अंकित शंखों का प्रदर्शन दुर्लभ रहा। सीपों के आकार की विदेशी मुद्रायें तथा उनके अनुरूप सीपें विशेष दर्शनीय रहीं। मुख्य अतिथि डॉ एम पी सिंह ने प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमारे धर्म ग्रन्थों में शंखों का उपयोग आभूषणों से लेकर आयुध तक हुआ है। हमारे सभी देवी देवता भी आमतौर पर शंखों को धारण किये हुये रहते हैं। इस प्रदर्शनी में एक सौ से अधिक शंख, सीप कौडियों का प्रदर्शन किया गया। अद्भुत संग्रह के लिए डॉ हरीमोहन पुरवार व श्रीमती संध्या पुरवार को शाल ओढ़ाकर व सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। पर्यावरण संरक्षण हेतु विद्यालय परिसर में परिषद प्रमुख शाखा के सदस्यों एवं अतिथियों द्वारा वृक्षारोपण भी किया गया।
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