उरई(जालौन)। जनपद में 1 सितम्बर से 30 सितंबर तक डोर टू डोर सघन कुष्ठ रोगी खोजी अभियान चलाया जाएगा। इसमें लोगों को कुष्ठ रोगों के लक्षण पहचान कर रोगियों की खोज की जाएगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनडी शर्मा ने बताया कि कुष्ठ रोग नियंत्रण अभियान के लिए 494 टीमें बनाई गई है। हर टीम में एक आशा वर्कर और एक पुरुष स्वास्थ्य कर्मी शामिल है। 54 सुपरवाइजर भी लगाए गए हैं। जो कुष्ठ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे करेगी। टीम उन क्षेत्रों में जाएंगी, जहां पर पिछले तीन सालों में कुष्ठ का कोई रोगी मिला हो। जिला कुष्ठ अधिकारी महेश चंद्रा ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए टीमें गांवों में घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों को खोजेंगी। उन्होंने बताया कि अभियान में मिलने वाले रोगियों का उपचार निशुल्क होगा। यही नही सर्वे रजिस्टर पर परिवार के हर सदस्य की जानकारी दर्ज की जाएगी। लक्षणों के आधार पर रोगियों की पहचान कर उनकी लाइन लिस्टिंग की जाएगी। जो कुष्ठ रोगी पहले से अपना उपचार करा रहे हैं उनका फॉलोअप किया जाएगा। चिन्हित गांव से सम्बंधित आशा बहुओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। कुष्ठ रोग के लक्षण व उपचार जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉ. मदनमोहन ने बताया कि कुष्ठ रोग से डरने की आवश्यकता नहीं है। शरीर का कोई भी दाग धब्बा जिस पर सुन्नपन हो, उसमें खुजली ना हो, पसीना ना आता हो, कुष्ठ रोग हो सकता है। कान पर गांठे होना, हथेली और तलवों पर सुन्नपन होना कुष्ठ रोग के लक्षण हो सकते हैं। बताया कि कुष्ठ रोग की दवा सरकारी अस्पताल में निशुल्क उपलब्ध होती है। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम में कुष्ठ रोगियों के परिवार व आसपास के 10 घरों के स्वस्थ व्यक्तियों को कुष्ठ रोग से सुरक्षित रखने के लिए दवा का सेवन करवाया जाता है।
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