प्रयागराज में ‘शादी अनुदान योजना’ के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है। इसमें समाज कल्याण अफसर और कर्मचारी भी शामिल हैं। जिन्होंने टोटल 64 लाख का घोटाला किया है। गरीब बेटियों की हकीकत में एक बार ही शादी हुई। लेकिन कागज में दो बार करा दी। सारे रुपए खुद ले लिए। यानी की 24 बेटियों के 48 पति बन गए। जबकि हैं सिर्फ 24 ही।
एक युवक की शिकायत पर मामले का खुलासा हुआ। विभाग में हलचल मच गई। अफसरों से जानना चाहा तो जवाब नहीं मिला। इस बारे में DM संजय कुमार खत्री ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है।
एक बेटी के नाम पर दो रजिस्ट्रेशन
उपेंद्र पटेल नामक एक व्यक्ति ने मामले की शिकायत लखनऊ में की। दरअसल, जिन 24 बेटियों के नाम पर यह खेल किया गया है। उनका रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर दो बार दिखा दिया है। इसके बाद एक बेटी के नाम पर 2-2 बार बजट शासन से लिया गया है, यानी एक बेटी के नाम पर 20 हजार रुपए के बजाय 40 हजार रुपए का बजट सरकार से मांगा गया।
यह घोटाला तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी रहे प्रवीण कुमार सिंह के कार्यकाल में हुआ था। प्रवीण से अन्य दूसरे मामले में निलंबित भी किए जा चुके हैं। अभी हाल में उनकी जांच के लिए SIT गठित कर दी गई है।
पूजा शुक्ला पुत्री अखिलेश नारायण। इनका रजिस्ट्रेशन दो अलग-अलग तारीख में किया गया। पहला रजिस्ट्रेशन 18 मई 2021 को किया गया था, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर 31451688912 है, पूजा का ही दूसरा रजिस्ट्रेशन 30 अगस्त 2021 को किया गया, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर 31451809262 है। फिर शादी के अनुदान के नाम पर दो बार बजट मंगाया।
इसी तरह राखी पुत्री अशोक नारायण, अंकिता पांडेय पुत्री बजरंग प्रसाद, कुमारी साधना पुत्री बरम देई, सुषमा कुमारी पुत्री भोलानाथ, सुशीला पुत्री बुधानी, सोनम तिवारी पुत्री गीता देवी, श्रद्धा मिश्रा पुत्री ज्ञान देवी मिश्रा, सुमन पुत्री हरिश्चंद्र, बबिता पुत्री कलौता देवी समेत कुल 24 नाम हैं।
पुरानी शादियों को भी नए वित्तीय वर्ष में दिखाया
शासन का स्पष्ट निर्देश है कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद बीते वर्ष की कोई मांग अगले वित्तीय वर्ष में नहीं शामिल की जाएगी। लेकिन इसमें भी अफसर खेल कर बजट का बंदर बांट कर गए। इन लोगों ने पुराने वित्तीय वर्ष में हुई शादियों को नए वित्तीय वर्ष में आवेदन कराके अनुदान ले लिया गया। इस तरह के 298 प्रकरण हैं।
सामान्य वर्ग में अल्पसंख्यक का कराया आवेदन
सरकार का बजट हड़पने में अफसरों ने पूरे नियमों की ही धज्जी उड़ा दी। सामान्य वर्ग में अल्पसंख्यक वर्ग का आवेदन कराकर उसमें भी बजट का खेल किया गया। रूकसाना पुत्री अनीसा का रजिस्ट्रेशन 28 जुलाई 2017 को किया गया। लेकिन इनका रजिस्ट्रेशन अल्पसंख्यक वर्ग में कराने के बजाय सामान्य वर्ग में किया गया। इसी तरह सबरीन बानो भी हैं, जिनकी शादी सामान्य वर्ग में दिखाकर अनुदान लिया गया।
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