आगरा के राजकीय बाल सुधार गृह में बच्ची को चप्पल से पीटने का वीडियो सामने आने के बाद डीएम ने अधीक्षिका को सस्पेंड कर दिया है। जांच के दौरान पता चला कि अधीक्षिका पूनम पाल ने सुधार गृह को टॉर्चर होम बना रखा था। बर्बरता सामने आने के बाद कर्मचारियों ने भी अफसरों के सामने अधीक्षिका की पूरी पोल खोल दी।
कर्मचारियों ने बताया कि अधीक्षिका के टॉर्चर के चलते एक बच्ची बाल सुधार गृह में सुसाइड का प्रयास तक कर चुकी है। सिर्फ यही नहीं, आगरा में पोस्टिंग से पहले वह प्रयागराज के बाल सुधार गृह में तैनात थीं। वहां पर भी उन पर बच्चे को टॉर्चर करने का आरोप लगा था। वहां एक बच्चे ने सुसाइड अटेम्ट किया था। कमिश्नर रितु माहेश्वरी ने मामले का संज्ञान लिया है। निलंबन के बाद अधीक्षिका पूनम पाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
सिटी मजिस्ट्रेट ने जांच की, कर्मचारियों से पूछताछ
दरअसल, यह पूरा मामला आगरा के पचकुइयां राजकीय बाल सुधार गृह का है। यहां वर्तमान में प्रभारी अधीक्षिका के पद पर पूनम लाल तैनात हैं। पूनम पाल का एक बच्ची का पीटते का वीडियो 4 सितंबर का है। यह मंगलवार को सामने आया है। वीडियो सामने आने के बाद मंगलवार को सिटी मजिस्ट्रेट आनंद कुमार बाल सुधार गृह पहुंचे। वहां जांच पड़ताल की।
वीडियो सामने आने से पहले भी बाल सुधार गृह में काम करने वाली महिला कर्मचारियों ने डीएम ऑफिस पहुंचकर अधीक्षिका की शिकायत की थी। कई गंभीर आरोप लगाए थे।
वीडियो में दिख रहा है कि अधीक्षिका बेड पर सो रहे एक बच्ची को चप्पल से पीट रही है। वहीं पास में दूसरे बेडों पर 6 बच्चे सो रहे हैं। अधीक्षिका की तेज आवाज सुनकर एक बच्चा जग जाता है। जबकि डर की वजह से 5 बच्चे चुपचाप सो रहे होते हैं। जिस बच्ची को पीटा जा रहा है, उसके पास एक और आया (अटेंडेंट) खड़ी है।
अधीक्षिका की संवेदनहीनता से बच्चे रहते हैं बीमार
बाल सुधार गृह की आया (अटेंडेंट) कविता कर्दम, बेबी, दीपाली और रसोईया सुनीता ने अधीक्षिका पर बच्चों के साथ मारपीट करने और कर्मचारियों को परेशान करने के आरोप लगाए। कर्मचारियों ने शिकायती पत्र में लिखा है कि अधीक्षिका की लापरवाही और बच्चे के प्रति संवेदनहीनता के चलते अक्सर बच्चे अक्सर बीमार रहते हैं। आए दिन बच्चों को एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती करना पड़ता है। उन्हें इलाज के लिए हायर सेंटर नहीं भेजा जाता। रुद्र नाम का एक बच्चा एक महीने तक एसएन में वेंटिलेटर पर रहा। इसके बाद भी उसे हायर सेंटर नहीं भेजा गया।
एक बच्ची की हो चुकी है मौत, एक ने किया सुसाइड का प्रयास
कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि अधीक्षिका के कार्यकाल में 18 सितंबर 2022 को नंदिनी नाम की एक बच्ची की बीमारी के बाद समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण मौत हो चुकी है। वहीं, अभी कुछ दिन पहले एक बच्ची ने अधीक्षिका की प्रताड़ना से परेशान होकर अपने कमरे में फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड करने का प्रयास किया था। जानकारी होने पर समय रहते बच्ची को कर्मचारियों ने बचा लिया। इसके बाद अधीक्षिका ने उस बच्ची को बुरी तरह से पीटा था।
बच्चों के हाथ-पैर बांधकर डाल देती हैं
महिला कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि अधीक्षिका द्वारा बाल सुधार गृह में रहने वाले दिव्यांग बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के हाथ पैर बांधकर उन्हें फर्श पर डाल देती हैं। बच्चे घंटों तक फर्श पर तड़पते रहते हैं।
मानसिक रूप से दिव्यांग बच्ची के साथ आए दिन वो इस तरह की हरकत करती हैं। इतना ही नहीं, वो बच्चो से अपने घर का काम करवाती हैं। उनसे अपने पैर दबवाती हैं। कर्मचारियों से रुपए मांगती हैं। शासन से एचआरए लेने के बाद भी वो अनाधिकृत रूप से बाल सुधार गृह में रहती हैं। आए दिन उनके रिश्तेदार भी वहीं रुकते हैं। कर्मचारियों द्वारा इसके साक्ष्य भी अधिकारियों को उपलब्ध कराए गए।
जेल में रहीं, पहले भी हो चुकी हैं निलंबित
जेल अधीक्षिका पूनम पाल पर बच्चों को प्रताड़ित करने का आरोप पहली बार नहीं लगा है। इससे पहले प्रयागराज में उन पर आरोप लगे हैं। उनके कार्यकाल के दौरान प्रयागराज में अधीक्षिका से परेशान होकर एक बच्ची ने सुसाइड कर लिया था। इस मामले में अधीक्षिका को छह माह जेल में रहना पड़ा था। इसके अलावा बाल शोषण के आरोप में अधीक्षिका पहले भी निलंबित रह चुकी हैं।
डीवीआर में बंद है हर दिन की प्रताड़ना की फुटेज
कर्मचारियों ने अधिकारियों से कहा कि अधीक्षिका का बच्चों के प्रति व्यवहार बाल सुधार गृह में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद है। डीवीआर को कब्जे में लेकर रिकॉर्डिंग देखी जाएं तो हर दिन की सच्चाई सामने आ जाएगी।
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