गोरखपुर : पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रामगढ़ताल में सी प्लेन उतारने की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जीडीए उपाध्यक्ष को इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करने को कहा है।
दो दिवसीय दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ बैठक में विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण परियोजनाओं को समय से पूरा किया जाए। इसमें विलंब नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री मंगलवार की सुबह गोरखपुर पहुंचे थे। एमएमयूटी में प्रशासनिक भवन का लोकार्पण करने के बाद गोरखनाथ मंदिर पहुंचे मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने मंडल में चल रही विभिन्न विकास परियोजनाओं की प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त की।
उन्होंने कहा कि सभी परियोजनाओं को पूरी गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए। अधिकारी नियमित रूप से निगरानी करें। उन्होंने कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने का निर्देश भी दिया। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काम करने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने रामगढ़ताल क्षेत्र में हो रहे कार्यों के बारे में जानकारी ली। क्रूज के संचालन के बारे में पूछा।
मुख्यमंत्री को बताया गया कि नवरात्र तक इसका संचालन लोगों के लिए शुरू हो सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रामगढ़ताल में सी प्लेन चलाने की भी जरूरत है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि जीडीए इसके संचालन को लेकर प्रस्ताव तैयार करे।
बैठक में एडीजी जोन अखिल कुमार, मंडलायुक्त अनिल ढींगरा, आइजी रेंज जे रविन्दर गौड, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश, एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर, जीडीए उपाध्यक्ष आनन्द वर्द्धन, नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल, गीडा की सीईओ अनुज मलिक आदि अधिकारी शामिल रहे।
गोरक्षनगरी से काशी तक सी प्लेन चलाने ही हुई थी घोषणा
पहले भी गोरक्षनगरी से काशी तक सी प्लेन चलाने की घोषणा हुई थी। इस संबंध में तैयारी भी शुरू की गई थी। सी प्लेन के लिए जो मानक चाहिए, उसपर रामगढ़ताल पूरी रह से खरा उतरता है। ताल की लंबाई, चौड़ाई एवं गहराई मानक के अनुरूप है।
केंद्र सरकार की ओर से देश में 100 सी प्लेन चलाने की घोषणा की गई है। पहला सी प्लेन गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट से केवडिया (एकता की मूर्ति) तक संचालित हो रहा है। विमानन कंपनी स्पाइस जेट को इसकी जिम्मेदारी मिली है। एक बार फिर मुख्यमंत्री की ओर से निर्देश दिए जाने के बाद सी प्लेन के प्रस्ताव को लेकर तेजी आएगी।
यह करनी होती है तैयारी
सी प्लेन उड़ने एवं उतरने के लिए पानी में ही एक हवाईअड्डा बनाना होगा। इसकी लंबाई करीब 1160 मीटर जबकि चौड़ाई 120 मीटर होनी चाहिए। हवाईअड्डा के क्षेत्र में पानी की गहराई कम से कम 1.8 मीटर होनी चाहिए।
शहर के किनारे भी विकास करना होगा। किनारे की ओर करीब 1.8 एकड़ भूखंड जरूरी है। यहां टर्मिनल आदि का निर्माण होगा। ताल में होने वाली अन्य गतिविधियों के लिए चिह्नित स्थान व हवाईअड्डा के बीच पर्याप्त दूरी होनी चाहिए।
हवाईअड्डा ऐसी जगह बनाया जाएगा जहां प्रवासी पक्षियों की गतिविधियां न हों।सीप्लेन के लिए तय सभी मानक रामगढ़ताल में पूरे हो रहे हैं। उत्तर से दक्षिण तक इसका फैलाव 4.2 किलोमीटर में है। इसी तरह पूरब से पश्चिम में यह ताल 2.5 किलोमीटर में फैला है।
गर्मी में ताल की अधिकतम गहराई 2.5 मीटर जबकि बरसात के समय अधिकतम गहराई चार मीटर है। नजदीकी एयरपोर्ट से एरियल दूरी तीन किलोमीटर है।
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