उरई(जालौन)। राष्ट्रीय दृष्टिदोष नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत गुरुवार को विश्व दृष्टि दिवस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय स्थित अचल प्रशिक्षण केंद्र में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनडी शर्मा ने नेत्रदान पर जोर देते हुए कहा कि लोगों को नेत्रदान के लिए प्रेरित करें। 31 दिसंबर तक अभियान चलाकर नेत्रदान के लिए लोगों को जोड़े। उन्हें बताए कि नेत्रदान में सिर्फ आंख का कार्निया लिया जाता है, पूरी आंख नहीं ली जाती है। इसलिए नेत्रदान को लेकर भ्रम न पाले। एक से डेढ़ घंटे के भीतर किसी को भी नेत्रदान कर उसकी आंखों की रोशनी लौटाई जा सकती है।जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अविनेश कुमार ने कहा कि आजकल बच्चों में आंखों की बीमारियां बढ़ रही है। इसलिए इसका बचाव करना जरूरी है। मोबाइल और टीवी का अत्याधिक प्रयोग खतरनाक है। निर्धारित समय तक ही मोबाइल और टीवी का प्रयोग करें। बच्चों की समय समय पर जांच कराते रहे।नोडल अधिकारी डॉ. एके पांडेय ने बताया कि इस साल की थीम अपनी आंखों से करें प्यार, कार्यस्थल पर। इसका आशय है कि आंखों का हर समय ख्याल रखे। ध्रूमपान से कैंसर के अलावा आंखों से संबंधित बीमारियां भी हो सकती है। इससे बचाव करने की जरूरत है। नेत्र चिकित्सक डॉ. मनोज राजपूत ने बताया कि जंकफूड और पोषणहीन खाना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होता है। साथ ही आंखों को भी कमजोर कर सकता है। दृष्टि के लिए जो चीजें अच्छी है, उन्हें ड़ायट में शामिल करें और फैटी एसिड, विटामिन विहीन पदार्थों के सेवन से बचे। एसीएमओ डॉ. अरविंद भूषण ने कहा कि आंखों को बार बार मलने और मसलने से आंखों को खतरा रहता है। इससे बचना चाहिए। कार्यक्रम में 12 मरीजों को निशुल्क चश्मे भी किए गए। इस दौरान एसीएमओ डॉ. वीरेंद्र सिंह, डीटीओ डॉ. डीके भिटौरिया, संजय, ज्योति, शशि आदि मौजूद रहे।
Get real time update about this post categories directly on your device, subscribe now.