प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में एक सरकारी कर्मचारी के रिटायरमेंट होने के बाद एक बड़ा खुलासा हुआ है। जब तक नौकरी करता रहा, किसी को पता ही लग सका कि उसकी मार्कशीट असली है या फर्जी। 31 साल तक नौकरी करने के बाद कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज किया गया है।
मुजफ्फरनगर जनपद के कस्बा खतौली निवासी सुधीर कुमार के खिलाफ दीपक टंडन ने कोर्ट में शिकायत की थी कि सुधीर कुमार नाम के व्यक्ति ने फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर परिवहन विभाग के खतौली डिपो में चालक के पद पर रहते हुए नौकरी की है। आरोपी 31 वर्षों तक नौकरी करता रहा और 31 अगस्त 2021 को रिटायर हो गया। कोर्ट के आदेश पर खतौली कोतवाली पुलिस ने आरोपी सुधीर कुमार के खिलाफ धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
शिकायतकर्ता दीपक टंडन ने बताया कि सुधीर कुमार पुत्र चोहल सिंह हाल निवासी गली नंबर 7, गंगा विहार खतौली, मूल निवासी अलावलपुर मजारा थाना भोरकला खतौली डिपो में ड्राइवर था और 31 अगस्त 2021 को सेवानिवृत्त हुआ। वह फर्जी कागजात पर नौकरी कर रहा था। 1989 में भर्ती के समय वह ड्राइविंग लाइसेंस में आयु सीमा की शर्तों को पूरा नहीं कर रहे थे।
वास्तविक जन्मतिथि 15 अगस्त 1965 है जबकि उनके कागजात में फर्जी जन्मतिथि 15 अगस्त 1961 दिखाई गई है। आपको बता दें कि दीपक टंडन ने आरोपी सुधीर कुमार की नौकरी की बाबत जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत विभिन्न स्रोत से जानकारी जुटाई और बाद में पूरी जानकारी कोर्ट के समक्ष रखकर कार्यवाही किए जाने की मांग की।
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