उरई(जालौन)। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अन्तर्गत असंगठित कर्मकार अक्सर असुरक्षित होते है, विशेष रूप से कर्मकार की मृत्यु की दशा में, उनके परिवार के लोग असुरक्षित हो जाते हैं। यह अनुग्रह राशि (ex-gratia) उनके जीवन के पुर्ननिर्माण में सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करेगी। इस उद्देश्य के आधार पर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इस योजना के सम्बन्ध में जारी विस्तृत दिशा-निर्देश में उल्लेखित है। उन्होंने बताया कि यह योजना दुर्घटना के कारण मृत्य/दिव्यांगता की दशा में ई-श्रम पोर्टल पर दिनांक 31.03. 2022 तक पंजीकृत असंगठित कामगारों पर लागू होगी। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पी०एम०एस०ई०वाई०) के तहत दुर्घटना को अचानक अप्रत्याशित और बाह्य, हिसंक और दृष्यमान साधनों के कारण होने वाली अनैच्छिक घटना के रूप में परिभाषित किया गया है, जो यहां पर भी ई-श्रम पर दुर्घटना दावा (एक्सीडेंटल क्लेम) के निपटारे में उसी परिभाषा के अनुरूप लागू होगी। उन्होंने वितरित किये जाने वाले हितलाभ के सम्बंध में बताया कि दुर्घटना के कारण मृत्यु में देय हितलाभ रुपये 02 लाख, दोनों आंखों की पूर्ण और अपूर्णीय हानि या दोनों हाथों या दोनों पैरों के उपयोग की पूर्ण और अपूर्णीय हानि या एक हाथ और एक पैर के उपयोग की पूर्ण और अपूर्णीय हानि या एक आंख की दृष्टि की पूर्ण और अपूर्णीय हानि और एक हाथ या एक पैर के उपयोग की हानि हेतु देय हितलाभ रुपये 02 लाख, एक आंख की दृष्टि की पूर्ण और अपूर्णीय हानि या एक हाथ या एक पैर उपयोग की पूर्ण और अपूर्णीय हानि हेतु देय हितलाभ रुपये 01 लाख है। उन्होंने पात्रता का मानदण्ड के सम्बंध में बताया कि सभी असंगठित कर्मकार जो ई-श्रम पोर्टल पर 31 मार्च 2022 को या उससे पहले पंजीकृत थे तथा उपरोक्त उल्लिखित परिभाषा के अन्तर्गत आते है दावा शुरू करने के लिये पात्र होंगे, ई-श्रम पर पंजीयन के पश्चात के दुर्घटना 31 मार्च 2022 को अथवा उससे पहले हुई हो पर अनुग्रह राशि के भुगतान पर विचार किया जाएगा, असंगठित कर्मकार जिसका दावा किया जाना है का दुर्घटना से पहले पंजीकृत होना चाहिए तथा दावा शुरू करने से पहले ई-श्रम यू०ए०एन० नम्बर प्रस्तुत करना आवश्यक है तथा वह मान्य हो, ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत असंगठित कर्मकार का पंजीकरण से 31 मार्च 2022 तक कि अवधि में आयकर दाता या ईपीएफओ/ईएसआईसी का सक्रिय सदस्य नही होना चाहिए। उन्होंने दावे के समर्थन में आवश्यक अभिलेख के सम्बंध में बताया कि मृत्यु की दशा में अभिलेख हेतु दावेदार का आधार नंबर और यू०एन०ए० कार्ड/नंबर और मृत्यु प्रमाण पत्र और मृत्यु के कारण का चिकित्सा प्रमाण पत्र और दुर्घटना के समय दर्ज की गई एफ०आई०आर०/पंचनामा और दुर्घटना के कारण हुई मृत्यु के समर्थन करने वाली पोस्टमार्टम रिपोर्ट, दावेदार के नाबालिग होने की दशा में, अभिभावक को दावा भरते समय जिला न्यायालय द्वारा जारी अभिभावक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना चाहिए। उन्होंने दिव्यांगता की दशा में अभिलेख हेतु दावेदार का आधार नंबर और यू०एन०ए० कार्ड/नंबर और अस्पताल का रिकार्ड जिसमे दुर्घटना के कारण हुई दिव्यांगता का संकेत देने वाला डिस्चार्ज सारांश शामिल हो और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकार के अधिकृत संस्था द्वारा जारी दिव्यांग प्रमाण पत्र अथवा दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय सरकार के द्वारा जारी विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र(स्थाई) है। इन अभिलेखों को अपलोड करना आवश्यक है। अभिलेखों को मूल अभिलेखों में सत्यापित किया जाएगा। उन्होंने दावा कौन शुरू करेगा के सम्बंध में बताया कि दिव्यांगता के मामले में (आंशिक/पूर्ण) दुर्घटना के कारण दिव्यांगता के मामले में पंजीकृत लाभार्थी स्वयं दावा शुरू करेगा, आकस्मिक मृत्यु के मामले में ई-श्रम पर पंजीकृत असंगठित श्रमिक के केवल कानूनी उत्तराधिकारी ही दावा शुरू करेंगे यदि कानूनी उत्तराधिकारी नाबालिग है तो नाबालिग के अभिभावक दावा शुरू करेंगे। उन्होंने बताया कि यहां अभिभावक का मतलब ऐसे व्यक्ति से है जो नाबालिग की या उसकी सम्पत्ति का या दोनों की देखभाल करता हो नाबालिग के संरक्षक को जिला न्यायालय द्वारा जारी संरक्षककर्ता का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। उन्होंने दावा शुरू करने के चरण के सम्बंध में बताया कि दावेदार /कानूनी उत्तराधिकारी ई-श्रम के तहत दावों को स्वीकार करने के लिये अधिकृत जिला कार्यालय में समर्पित हेल्पडेस्क पर जायेगें। हेल्पडेस्क श्रम प्रवर्तन अधिकारी कार्यालय, जालौन रोड, कालीदास मार्ग उरई में स्थापित है और आवश्यक सहायक अभिलेखों की प्रति के साथ भरा हुआ दावा प्रपत्र (अनुलग्नक-1) जमा करेगें। अधिकृत अधिकारी दावा रसीद संख्या जनरेट करेगा और उसे दावेदार को प्रदान करेगा। यदि, दावेदार द्वारा पहले प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पी०एम०एस०बी०वाई०) के तहत कोई दावा प्रस्तुत किया गया है और उसे खारिज कर दिया गया है, तो ऐसे दावों को प्राधिकृत अधिकारी द्वारा सरसरी तौर पर खारिज कर दिया जायेगा। इन दिशा निर्देशों के जारी होने की तारीख 24.08.2023 से छह महीने के भीतर दावें प्रस्तुत करना आवश्यक है।
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