उरई(जालौन)।जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने कल देर शाम जिला पोषण समिति/कन्वर्जेन्स विभाग व आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र की कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की विभिन्न योजनाओं जैसे आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा पोषण ट्रैकर पर फीडिंग, एनआरसी में बच्चों का संदर्भन, आंगनबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण, अधिकारियों द्वारा गोद लिये आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण एवं तीव्र अतिकुपोषित (सैम) बच्चों को दुधारु गाय उपलब्ध कराने के विषय पर विस्तृत समीक्षा की। जिलाधिकारी ने समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि तीव्र अतिकुपोषित (सैम) श्रेणी के बच्चों में और अधिक सुधार कराये तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्री तथा मुख्य सेविकायें सैम बच्चों की निगरानी करें जिससे वह बच्चा दोबारा सैम श्रेणी में न आये। परियोजना कुठौन्द, कदौरा, माधौगढ़, रामपुरा, डकोर व कोंच द्वारा कोई भी सैम श्रेणी का बच्चा एनआरसी में भर्ती नहीं कराया गया है। अग्रिम समीक्षा बैठक तक सभी परियोजनाओं से सैम बच्चों में सुधार होना चाहिये अन्यथा सम्बन्धित सीडीपीओ व मुख्य सेविका का वेतन रोकते हुये प्रतिकूल प्रविष्टि कर दी जायेगी। समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि अपने गोद लिये आंगनबाड़ी केन्द्र पर निरीक्षण कर सूचना जिला कार्यक्रम कार्यालय में प्रेषित करें तथा निरीक्षण के समय हाॅटकुक्ड फूड योजना के माध्यम से कितने बच्चों को गर्म भोेजन दिया जा रहा है इसका भी मूल्यांकन करेंगे। उन्होंने निर्देशित किया कि आंगनबाड़ी केंद्र के कायाकल्प आंकलन इंडिकेटर के सभी 18 पैरामीटर 15 दिन में पूर्ण करें। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला विपणन अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, गोद लिये आंगनबाड़ी हेतु नामित समस्त जनपद स्तरीय अधिकारी व समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी उपस्थित रहे।
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