डीएम ने एडीएम को सौपी जांच फिर भी कुछ हासिल नहीं हुआ पीड़ित को
उरई(जालौन)। शहर के मोहल्ला बधौरा निवासी दलित की जमीन पर राजस्व विभाग की मिली भगत के चलते दबंग भूमाफिया द्वारा कब्जा करने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित दलित ने न्याय पाने के लिए चार बार अधिकारियों को शिकायती पत्र देने के बाद आज तक पीड़ित को न्याय नहीं मिल सका। आज शुक्रवार को पुनः पीड़ित ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर जिलाधिकारी को न्याय पाने के लिए शिकायती पत्र भेंट किया।
दलित पीड़ित बाबूराम पुत्र स्व. काशीराम निवासी मोहल्ला पटेलनगर चुर्खी रोड़ उरई ने बताया कि 16 नवंबर 23 को जिलाधिकारी को मामले का शिकायती पत्र दिया था जिसकी जांच अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे को सौपी गयी थी इसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है।इसके पहले 30 अक्टूबर 23 को उक्त मामले की शिकायत लेखपाल से की तो लेखपाल ने गाटा संख्या 7273 की नाप गलत की और प्रार्थी के प्लाट का आधा बैनामा करने को कहा था जिस पर प्रार्थी ने मना कर दिया तथा प्रार्थी के पास में रहने वाली महादेवी ने अपने प्लाट का आधा बैनामा लेखपाल की मां के नाम कर दिया।पीड़ित ने बताया कि उसकी शिकायत पर 30 अक्टूबर 23 को एसडीएम सदर ने जांच सौपी थी। परंतु एसडीएम ने तहसीलदार उरई को ही जांच सौप दी। पीड़ित ने बताया कि तहसीलदार ने दबंग मुन्ना पाल (रामकुमार) पुत्र गयाप्रसाद पाल निवासी बघौरा उरई की मिली भगत के चलते तहसीलदार व लेखपाल ने गलत आख्या दे दी। पीड़ित का आरोप है कि लेखपाल से बोटर लिस्ट की नकल जिसमें लेखपाल की मां श्रीमती ऊषा देवी पत्नी संतोष कुमार का नाम दर्ज है। आरोप है कि लेखपाल की सर्विस बुक में भी ऊषा देवी और पिता संतोष कुमार का नाम दर्ज है।आरोप है तहसीलदार ने कोई जांच नहीं की और अपनी आख्या दाखिल कर दी।आरोप लगाया कि तहसीलदार ने लेखपाल से मिलकर जान बूझकर गलत आख्या लगाई है।पीड़ित ने जिलाधिकारी से मांग की है कि लेखपाल की सर्विस बुक का अवलोकन करने से स्पष्ट हो जायेगा कि महादेवी द्वारा साथ में संलग्न रजिस्ट्री श्रीमती ऊषा देवी के हक में किया गया है वह लेखपाल की मां है। पीड़ित ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है कि उसके प्लाट का कब्जा दिलवाया जाये।
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