समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित विवाह योजना में हुई घोटाले में कई आला अफसरों पर गाज गिर सकती है। अधिकारी विवाह योजना की राशि आवंटित करने में हेरफेर किया था। इस मामले में न सिर्फ तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी बल्कि सत्यापन करने वाले सचिव और बीडीओ भी हाशिए पर हैं। इस मामले की जांच पूरी हो चुकी हैं। सीडीओ के अवकाश पर होने के कारण रिपोर्ट अभी जांच अधिकारी को नहीं सौंपी गई है। जल्द ही इसे सार्वजनिक किया जाएगा।
समाज कल्याण विभाग की ओर से विवाह योजना में घोटाला हुआ था। रायबरेली रोड, लखनऊ के रहने वाले एक शख्स ने 24 शादियों की सूची डीएम को दी थी। इसमें लड़कियों को विवाह के लिए दो बार धन आवंटित करने की बात कही गई थी। सूची में 298 शादियों में गड़बड़ी की बात सामने आई थी। जिसमें दोहरा भुगतान और अपात्रों को भुगतान की भी शिकायत आई थी। इस पर जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने सीडीओ शिपू गिरि को जांच अधिकारी नियुक्त करने निर्देश दिए थे।
सीडीओ ने उप निदेशक मंजूश्री श्रीवास्तव को जांच अधिकारी नामित किया था। मामले की प्राथमिक जांच में पाया गया कि विवाह अनुदान योजना में घोटाला हुआ है। हालांकि दोषी सिर्फ समाज कल्याण विभाग के अफसर ही नहीं, बल्कि सिस्टम के लोग हैं। समाज कल्याण अधिकारियों के अलावा संबंधित गांव में सत्यापन करने वाले सचिव व बीडीओ भी घोटाले में संलिप्त पाए गए हैं। इन लोगों ने सत्यापन में गड़बड़ी की है, जिसके आधार पर सरकारी धन का दुरुपयोग हो गया। ऐसे में अब कई अफसरों पर गाज गिरना तय है।
डीएम संजय कुमार खत्री ने बताया, “मामले की जांच कराने के लिए सीडीओ को निर्देश दिया गया था। सीडीओ शहर के बाहर हैं, ऐसे में अभी जांच रिपोर्ट पास नहीं आई है। उम्मीद है कि एक दो दिन में रिपोर्ट सामने होगी। जिसके बाद ही वास्तविक स्थिति से अवगत करा सकूंगा।”
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