उरई(जालौन)। जिले में आयुष्मान कार्ड मरीज के लिए अब किसी वरदान से कम नहीं है। पांच लाख रुपये तक की उपचार की सुविधा ने कार्ड धारक मरीज को न केवल नया जीवन दिया है बल्कि इलाज के खर्च से कर्ज में डूबने से भी बचाया है। जिले के 1.46 लाख लाभार्थी परिवारों के 6.38 लाख लाभार्थियों में से चार लाख लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा चुका है। कार्डधारक न केवल जनपद के पंजीकृत राजकीय और निजी चिकित्सालय में इलाज की सुविधा प्राप्त कर रहे हैं बल्कि प्रदेश के अन्य जनपदों जैसे झांसी, कानपुर, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, बरेली में भी जाकर आयुष्मान कार्ड से इलाज कर रहे हैं। इसके साथ ही ग्वालियर और भोपाल के साथ-साथ दिल्ली अहमदाबाद, मुंबई, चेन्नई जैसे बड़े शहरों में भी जालौन के गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीज कार्ड की सहायता से अपना इलाज़ करवा रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना जिला क्रियान्वयन इकाई के सदस्य डॉ आशीष कुमार झा ने बताया कि जिले में अब तक कुल 30773 मरीजों का इलाज प्रदेश एवं देश के पंजीकृत राजकीय और निजी चिकित्सालय में कराया गया है, जो सामान्य बीमारी से लेकर कैंसर समेत कई अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं। जनपद के पंजीकृत अस्पतालों में सबसे अधिक डायलिसिस और मोतियाबिंद की सर्जरी के साथ-साथ जनरल मेडिसिन और जनरल सर्जरी की सुविधा दी गई है, लेकिन जनपद के बाहर इलाज करने वालों में मुख्य रूप से कैंसर से पीड़ित मरीज ही आयुष्मान कार्ड से इलाज करवा रहे हैं। योजना में इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड होना अनिवार्य है, इलाज की सुविधा, या हॉस्पिटल की जानकारी सीएमओ कार्यालय में आयुष्मान भारत यूनिट में प्राप्त कर सकते हैं।
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