यूपी के उन्नाव में एक युवक ने मजिस्ट्रेट से ही भद्दा मजाक कर दिया। जुर्माने की रकम भरने के लिए उसने रजिस्ट्री द्वारा चूरन के ढाई लाख रुपये के नोट भेज दिए। लिफाफा खुलते ही मजिस्ट्रेट भी हैरान रह गए। मामले के तहत सिटी मजिस्ट्रेट पेशकार ने सदर कोतवाली में तहरीर देकर आरोपित के खिलाफ लोक सेवक अपमान करने की धारा में एनसीआर दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है।
सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय के पेशकार विक्रम शर्मा ने कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि 17 अगस्त को सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट में पोस्टमैन से लाई गई रजिस्टर्ड डाक प्राप्त की गई। जिसमें गोपनीय का स्टीकर लगा था और भेजने वाले का नाम नीलू तिवारी निवासी अकरमपुर जिला उन्नाव अंकित था। गोपनीय डाक होने से नगर मजिस्ट्रेट से खोली गई। लिफाफा खोलने पर पर अंदर एक पत्र निकला, जिसमें नोटिस अंतर्गत धारा 107/111 में वर्णित शुल्क 2.5 लाख जमा करने के संबंध में 2000, 500 व 200 की नोटों की संख्या अंकित थी और साथ में एक अन्य लिफाफा भी संलग्न था। जिसे छूने पर अंदर कुछ नोटों की गड्डी से महसूस होने पर सिटी मजिस्ट्रेट ने खोलने से पहले उसका वीडियो बनवाया।
लिफाफा खोलने पर उसमें 2000, 500 और 200 की चूरन वाली नोट निकली। पत्र में अंकित नीलू तिवारी की 107/111 की नोटिस पत्रावली न्यायालय में निकाली गई। जिसमें सदर कोतवाली ने चंद्र तिवारी उर्फ मुनवा पुत्र लालू प्रसाद तिवारी, नीलू तिवारी पुत्र लालू प्रसाद तिवारी व गौरव पुत्र श्रीचंद्र निवासी अकरमपुर और अकरमपुर निवासी अफरोस के बीच भूमि संख्या 271 में कब्जा को लेकर हुए विवाद व लड़ाई झगड़े से शांति भंग किए जाने के संबंध में आख्या 15 मार्च 2022 पेश की गई थी।
जिसके आधार पर तीनों व्यक्तियों को एक साल तक की अवधि तक शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए 2.5 लाख रुपये का अलग-अलग व्यक्तिगत बंधकनामा तथा इतनी ही धनराशि की दो अलग-अलग प्रतिभूतियां पेश करने के लिए क्यों न बाध्य किया जाए की नोटिस जारी की गई थी। इस नोटिस प्रकरण के परिप्रेक्ष्य में नीलू तिवारी निवासी अकरमपुर से डाक से चूरन की नोट कोर्ट भेज कर मजाक उड़ाया गया है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर आरोपित की तलाश शुरू कर दी है।
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