हरदोई, सीएमओ साहब डाक्टरों को मैनर्स सिखा दो। यह डा. चंद्रकांत कौन हैं, उनसे तो मैं बात ही नहीं करूंगी, बस समझा दीजिए नहीं तो खींचकर थाने बैठवा दूंगी। जिला अस्पताल में भड़कीं एसडीएम सदर स्वाती शुक्ला फोन पर सीएमओ को कुछ इसी तरह से नाराजगी जताई। शुक्रवार की रात आकस्मिक चिकित्सा कक्ष में भर्ती युवती के बयान लेने गईं एसडीएम के कुर्सी न मिलने पर भड़क जाने का इंटरनेट मीडिया पर वीडियो प्रसारित हो रहा है। मेडिकल कालेज प्राचार्या ने महिला अधिकारी को शिष्टाचार में रहने की सलाह दी है।
पिहानी के एक गांव की युवती ने शुक्रवार को सुसाइड नोट लिखकर जहर खा लिया था। सदर एसडीएम स्वाती शुक्ला युवती के बयान लेने के लिए जिला अस्पताल के आकस्मिक कक्ष पहुंची, जहां पर ड्यूटी कर रहे डा. चंद्र कुमार एसडीएम को नहीं पहचान सके और मरीज का चिकित्सीय परीक्षण करते रहे। एसडीएम के कक्ष में पहुंचने पर चिकित्सक ने कुर्सी नहीं दी, जिसके बाद एसडीएम भड़क गई।
एसडीएम ने तुरंत सीएमओ को फोन किया और कहा कि आकस्मिक कक्ष में मौजूद चिकित्सक को मैनर्स नहीं है, इन्हें समझा दीजिए नहीं तो खिंचवाकर थाने में बैठा दूंगी। पूरा वीडियो जमकर प्रसारित हो रहा है। एसडीएम पूरे मामले में युवती के उपचार के लिए निर्देश देने की बात बताकर पूरे मामले से पल्ला झाड़ने के प्रयास में है।
मेडिकल कालेज की प्राचार्या डा. वाणी गुप्ता ने कहा कि जहर खाने वाली युवती का बयान लेने के लिए एसडीएम आई थीं और उसी समय डा. चंद्र कुमार वार्ड से होकर कक्ष में पहुंचे थे, शायद इसी बात को लेकर महिला अधिकारी भड़क गई थीं। प्राचार्या ने कहा कि अगर हम किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के कक्ष में जाते हैं तो हम उसकी कुर्सी पर नहीं बैठ सकते, न ही वह आफर करेगा, वह आपको कोई दूसरी कुर्सी दे सकता है, जहां तक मुझे लगता है कि डा. चंद्रप्रकाश ने कोई ऐसी गलती नहीं की। सभी अधिकारियों को एक दूसरे का आदर करनी चाहिए, उम्मीद करते हैं कि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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