समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने तब बाबरी मस्जिद को बचाने के लिए कार सेवकों पर फायरिंग करा दी थी। उनके गोली चलाने का आदेश देने के बाद पांच लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद उनकी हिंदू विरोधी छवि बन गई थी। हिंदू संगठन उन्हें मुल्ला मुलायम तक कह कर पुकारने लगे थे।
दरअसल, यह पूरा किस्सा 90 के दशक का है। अयोध्या आंदोलन जोरों पर था और तब यूपी के सीएम यादव थे। उन्होंने खुला ऐलान किया था कि उनके रहते बाबरी मस्जिद का कुछ भी नहीं हो सकता। परिंदा तक पर नहीं मार सकता है। 30 अक्टूबर, 1990 को कार सेवकों की भीड़ अनियंत्रित हो गई थी। बेकाबू भीड़ तब मस्जिद की ओर बढ़ने लगी थी और तब तत्कालीन सीएम को सख्त फैसला लेना पड़ा था।
फायरिंग में पांच कार सेवकों की जान चली गई थी जिसके बाद उनकी छवि हिंदू विरोधी नेता के रूप में उभर कर आई थी। हिंदूवादी संगठन तब उन्हें मुल्ला मुलायम कहकर पुकारने लगे थे। साथ ही उन्हें मुस्लिम परस्त नेता करार दिया जाने लगा था। काफी सालों तक वह इस छवि से बाहर निकल पाए।
सपा संरक्षक और तीन बार यूपी के सीएम रहे सिंह का लंबी बीमारी के बाद सोमवार (10 अक्टूबर) को निधन हो गया। वह दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में एडमिट (दो अक्टूबर से आईसीयू में) थे। कुछ रोज से उनकी तबीयत खराब थी और सेहत में कोई सुधार नहीं हो रहा था।