अवैध मदरसों का सर्वे लगभग पूरा हो गया है। जिले की सभी पांचों तहसीलों में सौ अवैध मदरसे मिले हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या कोल तहसील में हैं। उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड में बिना पंजीकरण के ही जिले में इन मदरसों का संचालन हो रहा था। जांच में सामने आया कि व्यक्तिगत स्रोतों से सोसाइटी में पंजीकरण हुआ था। प्रशासन द्वारा जल्द ही पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। कार्रवाई का निर्णय शासन स्तर से ही होगा।
मदरसा बोर्ड से जारी होती है मान्यता
उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड से प्रदेश भर के सभी मदरसों की मान्यता जारी होती है। जिले में फिलहाल 125 मदरसे पंजीकृत हैं। इनमें चार मदरसे सरकारी व अन्य निजी हैं। अल्पसंख्यक विभाग इन मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता की निगरानी करता है। पिछले दिनों शासन स्तर से एक आदेश जारी हुआ था। इसमें प्रदेश भर के सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच करने के निर्देश दिए थे। शासन से पत्र आते ही डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने जिले भर में पांच जांच टीमों का गठन कर दिया। एसडीएम के नेतृत्व में तहसील स्तर पर यह जांच समिति बनाई गई। जांच समितियों ने सर्वे शुरू किया। गभाना, खैर व अतरौली का सबसे पहले सर्वे पूरा हुआ। इसमें करीब 40 मदरसे अवैध मिले। अब कोल व इगलास की रिपोर्ट भी आ गई हैं। इन दोनों तहसीलों में करीब 60 मदरसे अवैध मिले हैं।
कोल तहसील में सबसे अधिक
सबसे अधिक 53 अवैध मदरसों की संख्या कोल तहसील में हैं। इसके पीछे का कारण है कि जिले की सबसे अधिक मुस्लिम आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है और शहरी इलाका कोल तहसील के तहत आता है। मदरसे भी इसी क्षेत्र में अधिक हैं। जिले की पांचों तहसीलों में सौ अवैध मदरसे हैं। तहसीलों की जांच में सामने आया है कि निजी सोसाइटी में पंजीकरण के आधार पर ही इन मदरसों का संचालन किया जा रहा था। अब इसकी जांच रिपोर्ट शासन स्तर पर भेजी जा रही है।