ग्लोबल हैंड वाशिंग डे पर जागरूकता के लिए जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी और सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर जागरुकता के कार्यक्रम हुए। इस दौरान चिकित्सक और स्टाफ ने जहां स्वच्छता को बढ़ावा देने की शपथ ली। वहीं मरीजों के साथ आए तीमारदारों को हैंड वाशिंग का तरीका समझाया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा ने बताया कि गंदगी तमाम बीमारियों की जड़ है। हाथों के माध्यम से सबसे ज्यादा गंदगी फैलती है। लोगों को हाथों की सफाई के बारे में जागरुक करने के लिए यह दिवस आयोजित किया जा रहा है।
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. अविनेश कुमार ने बताया कि बच्चों में डायरिया होने का मुख्य कारण गंदे हाथ का प्रयोग करना है। गंदगी के कारण सबसे पहले डायरिया जैसी समस्या होती है। इसलिए स्वच्छता को बढ़ावा देना जरूरी है। माताएं भी बच्चों को खाना खिलाते समय हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ संजीव ने बताया कि भारत में करीब एक लाख लोग डायरिया के कारण अपनी जान गंवा देते है। इसका मुख्य कारण हाथों की सफाई न रखना है। गंदे हाथों से बच्चों को खाना खिलाना भी बीमारियों को दावत देता है। खाना खिलाते वक्त एवं खाते वक़्त अपने हाथों को साबुन या हैंडवाश से अच्छी तरह से धोना चाहिए।
जिला अस्पताल के वार्ड में भर्ती मरीजों के तीमारदारों को रेडियोलॉजिस्ट डॉ सौरभ कुमार, मेट्रन कमलेश वर्मा, स्मिता लिलियन, हेल्प डेस्क मैनेजर ब्रजकिशोर ने सुमन के योजना के तहत हाथ धोने के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि हाथ कम से कम तीस सेकेंड धोना चाहिए।
इन बातों का रखें ध्यान
माताएं साफ सफाई का ध्यान रखे। कोई भी काम करने से पहले हाथ जरूर धोएं। विशेष रुप से खाना बनाते वक्त और बच्चों को खाना खिलाते समय। बच्चों का खाना खिलाने वाले वर्तनों को अच्छी तरह से साफ करें। बच्चों को साफ सफाई की आदत डाले। खेल के आने के बाद खाने से पहले बच्चों के साबुन से हाथ धुलना अवश्य सिखाएं।
डायरिया होने के लक्षण
पेट में ऐंठन होना, पेट ऐंठना
उल्टी व दस्त
बुखार, निर्जल्लीकरण, भूख की कमी
शरीर में पानी, नमक व शक्कर की कमी न होने दें। ओआरएस घोल का प्रयोग करें।
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