करीबी रिश्तेदार पर जताया जा रहा संदेह
उरई । एसटीएफ का सिपाही गत 13 वर्ष पूर्व एसटीएफ में सिपाही के पद पर तैनात हुआ था तभी से वह निरंतर अपनी ड्यूटी भारत मां के लिए कर रहा था लेकिन जब वह छुट्टी लेकर घर आया । 12 अक्टूबर को अचानक उसके पेट में दर्द हुआ जिसमें उपचार के लिये राजकीय मेडिकल कालेज उरई ले जाया गया जहां हालत बिगड़ने के कारण जवान को झांसी रिफर कर दिया गया. उपचार के दौरान संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई यह निश्चित तौर पर वह समय घटना नजर आ रही है।
आटा थाना के ग्राम अमीसा निवासी रामकुमार बघेल पुत्र उमाशंकर बघेल जोकि 2009 में एसटीएफ छत्तीसगढ़ मैं सिपाही के पद पर तैनात हुआ था ।तभी से वह भारत मां के चरणों में रहकर अपनी ड्यूटी का बखूबी निर्वहन कर रहा था लेकिन अक्टूबर में वह छुट्टी लेकर घर आया तभी 12 अक्टूबर को अचानक उसे पेट में दर्द होने लगा तभी आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज उरई में भर्ती कराया गया. जहां उसकी हालत बिगड़ती देख उसे झांसी के लिए जफर कर दिया और वहां नवजीवन अस्पताल इलाज चल रहा था. 14 अक्टूबर को हालत बिगड़ने पर आईसीयू में शिफ्ट किया गया. इसी दौरान 15 अक्टूबर की देर रात उसकी मृत्यु हो गई ।
सूत्रों से प्राप्त समाचार के अनुसार मृतक का पूरा शरीर नीला पड़ गया था जिससे बायोलॉजिकल अनुमान लगाया जा सकता है कि जवान की मौत का कारण जहर हो सकता है ।
वहीं एसटीएफ के जवान के परिजनों ने भी हत्या की आशंका जताई हो उन्होने बिगत समय में जवान के खाते से गलत तरीके से धन निकासी का भी आरोप लगाया है. मृतक की पत्नी ने मौके पर ही डायल 112 पर सूचना भी दी थी लेकिन परिजनों द्वारा किसी तरह उसे शांत कर दिया ।
सूत्रों की माने तो मृतक के करीबी के ही द्वारा किसी पेय तरल देकर एसटीएफ के जवान की हत्या की गई है लेकिन यह भी कहा नहीं जा सकता है यह तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर आधारित है फिलहाल एसटीएफ के जवान की मौत की खबर सुनते ही परिजनों के साथ गांव के भी लोग शोक में डूबे दिखाई दे रहे हैं.
लोगों का कहना है कि अगर परिजनों ने द्वारा कानूनी मदद ली जाये तो जवान की मृत्यु की हकीकत सामने आ सकती है.
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