देश में ब्रेस्ट कैंसरके मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इस कैंसर के अधिकतर केस एडवांस स्टेज में रिपोर्ट होते हैं. कई बार खराब आर्थिक स्थिति की वजह से मरीज इस बीमारी का इलाज नहीं कर पाते हैं. इससे मरीजों की मौत भी हो जाती है,लेकिन अब केवल 1 रुपये में ब्रेस्ट कैंसर का इलाज हो सकेगा. कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में इस घातक बीमारी के इलाज के लिए एक नई तकनीक की खोज की गई है.
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर की टीम ने ब्रेस्ट कैंसर का सफल उपचार इतनी कम कीमत में खोज निकाला है. जीएसवीएम के डॉक्टरों का कहना है नए तकनीक के माध्यम से बिना चीरा लगाए ब्रेस्ट कैंसर मरीजों को जीवनदान दिया जाएगा. कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में मात्र एक रुपये के पर्चे पर ब्रेस्ट कैंसर पीड़ितों का सफल इलाज हो सकेगा. कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ संजय काला ने बताया कि इस तकनीकी में ब्रेस्ट को हटाना नहीं पड़ेगा, केवल संक्रमित हिस्सा निकालकर इलाज किया जाएगा. ऐसा ओंको मेंमो प्लास्टी से संभव हो पाया है.
दो महिलाओ का हुआ सफल ऑपरेशन
प्रिंसिपल ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में इस तकनीक से ऐसी दो ब्रेस्ट कैंसर पीड़ित महिलाओं का सफल उपचार किया गया है. जिसके बाद ओंको मेंमो प्लास्टी तकनीक से ब्रेस्ट कैंसर के लिए उनका संस्थान उत्तर प्रदेश का पहला कॉलेज बन गया है. प्रिंसिपल काला ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की इस टीम में प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर प्रेम शंकर, डॉक्टर शुभम, डॉक्टर पुनीत शामिल थे. सभी के प्रयासों से सर्जरी सफल हो सकी है. इस सर्जरी में वॉल्यूम डिस्प्लेसमेंट तकनीक का सहारा लिया गया है.
वॉल्यूम डिस्प्लेसमेंट तकनीक से हुआ इलाज
डॉक्टरों की टीम ने 48 वर्षीय महिला का सफल इलाज किया है. कल्याणपुर निवासी महिला ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित थी. उनकी ब्रेस्ट को हटाने की जरूरत नहीं पड़ी. अभी तक यह तकनीकी ना होने पर महिलाओं की संक्रमित ब्रेस्ट को काटकर हटाना पड़ता था. इससे उनको काफी परेशानी होती थी. कई बार महिलाएं अवसाद ग्रस्त हो जाती थी और ऐसी अवस्था में वह आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लेती थीं.
डॉक्टरों की टीम ने बताया कि जिन महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर 15% सेल संक्रमित होते हैं उसमें वॉल्यूम रिप्लेसमेंट तकनीकी का इस्तेमाल करते हैं. इससे ज्यादा प्रतिशत होने पर वह वॉल्यूम डिस्प्लेसमेंट तकनीकी का इस्तेमाल करते हैं. वॉल्यूम डिस्प्लेसमेंट तकनीकी में शरीर के दूसरे अंग का मांस का टुकड़ा लगाया जाता है. इस तकनीकी के इजाद हो जाने के बाद महिलाएं अस्पताल मेंमात्र एक रुपये में ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करा सकेंगी.
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