इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार को सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कालेजों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती का ब्योरा पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने ताकीद की है कि डीएम-एमसीएच की पढ़ाई करने वाले डॉक्टरों की बांड के तहत तैनाती का ब्योरा दो हफ्ते में न देने पर अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को अदालत में पेश होना होगा।
न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने यह आदेश डॉ. अंकित गुप्ता व अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों की याचिका पर दिया। याचियों का कहना था कि उन्होंने डीएम-एमसीएच की पढ़ाई की है। इन पाठ्यक्रमों में दाखिले के वक्त भरवाए गए बांड के तहत वे राजकीय सेवा देने को तैयार हैं। लेकिन सेवा के लिए सरकारी अस्पताल व राज्य मेडिकल कॉलेज उनकी शिक्षा के अनुरूप चिह्नित नहीं किए गए हैं।
सुपर स्पेशिएलिटी मानकों पर उनकी सेवाओं का उपयोग करने की सुविधाएं भी वहां नहीं हैं। ऐसे में वहां उनकी तैनाती होने स बांड की प्रक्रिया का उद्देश्य पूरा नहीं होगा। सरकारी वकील का पक्ष सुनने के बाद उनकी तैनाती का ब्योरा दो हफ्ते में पेश करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी।
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