लखनऊ की जिला जेल में चूहों का आतंक है। महिला बंदी अमिता पांडेय ने अपने अधिवक्ता के जरिए जिला जज संजय शंकर पांडेय से शिकायत की है। आरोप लगाया कि बैरक में सोते समय एक बड़े चूहे ने काट लिया। शिकायत करने के बाद भी जेल प्रशासन ने एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं लगवाए। अमिता पांडेय की ओर से अधिवक्ता राम शरण द्विवेदी ने जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया। इस पर जिला जज संजय शंकर पांडेय ने जेल अधीक्षक से रिपोर्ट तलब की। जेल की रिपोर्ट में अदालत को बताया गया कि महिला बंदी ने चूहा काटने की शिकायत की थी। इसके बाद उसे टिटनेस (टिटबैक) का इंजेक्शन लगवा दिया गया है।
अदालत में दी गई अर्जी में कहा गया है कि गत 14 अक्टूबर की रात में एक बड़े चूहे ने उसे काट लिया। चूहे के काटने से जख्म हो गया है और बंदी को असहनीय पीड़ा होने लगी है। चूहे के काटने से उत्पन्न इंफेक्शन की रोकथाम के लिए रैबीज का इंजेक्शन 10 दिन के अंदर लग जाना चाहिए लेकिन, जिला जेल में इस बाबत उसका समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है। इस वजह से पीड़िता को गंभीर इंफेक्शन हो जाने का खतरा बना हुआ है।
कोर्ट में दी गई अर्जी में स्पष्ट कहा गया है कि जिला जेल में चूहों की भरमार है तथा रात में सोने के समय दर्जनों चूहे कैदियों के ऊपर से गुजरते हैं। इसके अलावा खाने-पीने की वस्तुएं तथा कपड़े नष्ट कर देते हैं। अधिवक्ता ने महिला बंदी अमिता पांडेय को एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने तथा उपचार केजीएमयू या राजकीय चिकित्सालय बलरामपुर में कराने का अदालत से अनुरोध किया है।
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