लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सांसदों के बराबर निधि पाने के लिए विधायकों को अगले साल तक इंतजार करना होगा। दरअसल, विधायक निधि की दूसरी किस्त भी शासन ने जारी कर दी है, जिसकी रकम भी पुरानी जितनी, यानी डेढ़ करोड़ रुपये ही है। इस तरह से दोनों किस्तों को मिलाकर अपने विधानमंडल क्षेत्र में विकास कार्य करवाने के लिए विधायकों को तीन ही करोड़ रुपये मिले हैं। विधानमंडल के बजट सत्र में विधायकों की निधि बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये करने की घोषणा हुई थी। विधायक निधि की पहली किस्त इसी साल जुलाई में जारी की गई थी, जिसमें डेढ़ करोड़ रुपये पहले की व्यवस्था के अनुरूप दिए गए थे। तब अधिकारियों का तर्क था कि बजट पास होने के बाद यह घोषणा हुई थी, लिहाजा बजट में अभी व्यवस्था नहीं है। लिहाजा बजट में जो तीन करोड़ रुपये की राशि प्राविधानित थी, उसके सापेक्ष डेढ़ करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी गई है।
विधायकों की नजर अब सरकार के अगले कदम पर होगी। अगले सत्र में अगर सरकार अनुपूरक लाती है तो उसमें विधायक निधि की बढ़ाई हुई रकम का प्रावधान हो जाएगा। ऐसे में दूसरी किस्त में डेढ़ करोड़ रुपये के अतिरिक्त बढ़ी हुई रकम भी ट्रांसफर कर दी जाएगी। विधायक निधि साल भर में दो किस्तों में विधायकों को दी जाती हैं। हालांकि मॉनसून सत्र में सरकार अनुपूरक बजट नहीं लाई तो अतिरिक्त रकम की व्यवस्था भी नहीं हुई। इस बीच अक्टूबर में ही शासन ने विधायक निधि की दूसरी किस्त भी जारी कर दी है। यह रकम भी डेढ़ करोड़ रुपये की ही है।
ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में विधायकों को पहले की ही तरह तीन करोड़ रुपये ही विधायक निधि के तौर पर मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। माना जा रहा है कि अगले बजट सत्र में जब अतिरिक्त रकम की व्यवस्था की जाएगी तब उन्हें सांसदों के बराबर यानी पांच करोड़ रुपये विधान मंडल क्षेत्र विकास निधि के तौर मिल सकेंगे।