दक्षिण कश्मीर के चौधरीगुंड शोपियां में आतंकियों के डर से लगभग 10 हिंदू परिवार तथाकथित तौर पर पलायन कर जम्मू चले गए हैं। अलबत्ता संबधित प्रशासन ने इससे इंकार करते हुए कहा कि यह लोग दिवाली के मद्देनजर जम्मू स्थित अपने परिवार के अन्य सदस्यागें के पास गए हैं। सर्दियों में अक्सर यह लोग जम्मू में ही रहते हैं। स्थानीय लोगों में विशेषकर कश्मीरी हिंदुओं में सुरक्षा एवं विश्वास की बहाली के लिए पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बड़ा दी गई है।
शोपियां के चौधरीगुंड इलाके में आतंकियों ने 15 अक्टूबर को कश्मीरी हिंदू पूर्ण कृष्ण भट्ट की उसके घर के बाहर गोली मार हत्या कर दी थी। इसके बाद 18 अक्टूबर को आतंकियों ने शोपियां के हरमेन में कन्नौज उत्तर प्रदेश के दो श्रमिकों की हत्या की थी। आतंकी संगठन टीआरएफ ने वादी में रहने वाले कश्मीरी हिंदुओं व अन्य अल्पसंख्यकों पर ऐसे और हमलों की धमकी देेते हुए उन्हें कश्मीर छोड़ने का फरमान सुनाया है।
आतंकियों की धमकियों से डर कर चौधरीगुंड और उसके आस पास के इलाके में रहने वाले करीब 10 परिवार कथित तौर पर जम्मू पलायन कर गए हैं। इन लोगों ने अपनी सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा कि प्रशासन सिर्फ आश्वासन देता है, सुरक्षा नहीं देता।
इस बीच, संबधित प्रशासनिक अधिकारियों ने कश्मीरी हिंदुओं के पलायन की खबरों को निराधार बताया है। उन्होंने बताया कि चौधरीगुंड समेत शोपियां के उन सभी इलाकों में जहां अल्पसंख्यक और कश्मीरी हिंदू रहते हैं, सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाइ गई है। कई जगह मोबाइल बंकर भी तैनात किए गएहैं। कुछ लोग जम्मू गए हैं, लेकिन उन्होंने पलायन नहीं किया है, वह दिवाली के मद्देनजर गए हैं, क्येांकि उनके अधिकांश परिजन वहीं पर रहते हैं।
चौधरीगुंड में रहने वाले एक कश्मीरी हिंदू ने अपना नाम न छापे जाने की शर्त पर कहा कि बेशक डर है,लेकिन हम लोगों ने पलायन नहीं किया है। हमारे कई पड़ौसी अक्सर सर्दियों के दौरान जम्मू चले जाते हैं और फरवरी-मार्च में वापस लौटते हैं।
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