जिले की 4 मे से दो नगर पालिकाओ के अध्यक्ष पद के आरक्षित दो सामान्य रहने की संभावना।
जिले की अब 7 मे से 3 नगर पंचायत अध्यक्ष पदो के आरक्षित होने की संभावना |
प्रदेश में नगर महापालिकाओ, नगर पालिकाओ, और और नगर पंचायतों के महापौर और अध्यक्ष पदों के चुनाव नवंबर माह के आखिरी सप्ताह से दिसंबर माह के पहले सप्ताह के बीच होने की संभावनाएं लखनऊ के राजनीतिक गलियारों में जताई जा रही है | जहां तक महानगर पालिकाओ, नगर पालिकाओ और नगर पंचायतों के अध्यक्ष पदों के आरक्षण का सवाल है इस मामले को 15 नवंबर से 20 नवंबर के बीच निपटा लिए जाने की पूरी संभावना है। जहां तक जालौन जिले का सवाल है इस जिले में कुल चार नगरपालिका की अध्यक्ष पद की सीटें हैं जबकि नगर पंचायत की एट की सीट बढ़ जाने से अब इनकी संख्या 6 से बढकर 7 हो गई है| जिले में पिछली बार नगर पालिका की कालपी सीट एससी महिला और कोंच की अध्यक्ष पद की सीट एस सी के लिऐ आरक्षित थी| जब की उरई और जालौन की अध्यक्ष पद की सीटे सामान्य थी| कालपी सीट से श्रीमती बैकुंठी देवी जो बसपा की नेता है वह अध्यक्ष का चुनाव जीती थी| वही कोंच नगर पालिका की सीट जो एस सी के लिऐ आरक्षित थी| इस सीट पर कॉंग्रेस की सरिता आनंद चुनाव जीती थी| जब कि जालौन नगर पालिका के अध्यक्ष पद की सीट से भाजपा नेता दिलीप गुप्ता ने बाजी मारी थी|
इसी तरह उरई पालिका के अध्यक्ष पद अनिल बहुगुणा भाजपा विद्रोही प्रत्याशी के रुप मे चुनाव जीते थे |भाजपा नेतृत्व ने भाजपा के वर्तमान जिला महा मंत्री दिलीप दुबे को टिकट दिया था | जब कि वैश्यसमाज की ओर अनिल बहुगुणा टिकट मांग रहे थे| जब भाजपा नेतृत्व ने उन्हे टिकट नही दिया | तो वैश्य समाज के समर्थन के बल पर वह भाजपा विद्रोही प्रत्याशी के रुप मे चुनाव लडे और चुनाव भी जीते| वैश्य संमाज को बीजेपी का वोट बैंक माना जाता है पहली बार ऐसा हुआ कि वैश्य समाज की महिलाएं भी श्री बहुगुणा के पक्ष में समर्थन के लिए सड़कों पर चुनाव प्रचार के लिए निकली| लेकिन वैश्य समाज को उस समय तगडा झटका लगा | जब विद्रोही बहुगुणा अध्यक्ष का चुनाव जीतने के बाद भाजपा मे कुछ महीने बाद पुनः शामिल हो गऐ|वैश्य समाज के नेताओं और सामान्य लोगों का भी यह मानना है कि भाजपा से हम सिर्फ नगर पालिका के अध्यक्ष का ही टिकट मांगते हैं क्योंकि उरई विधानसभा की सीट आरक्षित है और लोकसभा की सीट भी आरक्षित है| ऐसे मे उरई में जो वैश्य समाज लगभग 30 से 35 हजार मतदाता है उनकी यही मांग रहती है की उरई नगरपालिका की सीट भाजपा नेतृत्व उन्हें दे| उधर भाजपा नेतृत्व अब दोबारा यह गलती करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि अगर उसमें वैश्य समाज से इतर ब्राह्मण ठाकुर में से किसी को प्रत्याशी बनाया तो हो सकता है की वैश्य समाज में फिर से भाजपा में विद्रोह हो जाए| भाजपा नेतृत्व इस कठिन स्थिति को ध्यान में रखकर हो सकता है इस सीट को पिछड़ी जाति के किसी नेता को या नेत्री को चुनाव लड़ने का मन बना ले| ऐसी संभावना है कि जिले की चार नगर पालिका सीटो मे से वैसे तो पिछली बार कालपी और कोच आरक्षित थी इस बार यह हो सकता है 1 सीट पिछड़ा वर्ग 1 सीट एससी और 2 सीटें सामान्य हो जाए | यह भी हो सकता है कालपी और कोच का आरक्षण बदल जाए|| यदि चुनावी परिदॄश्य पर नजर डाली जाऐ| तो उरई सीट से बसपा के नेता तथा पूर्व नगपालिका अध्यक्ष विजय चौधरी चुनाव मैदान मे खुलकर ताल ठोक रहे है |वे दलित मुस्लिम तथा अपने सवर्ण मित्रो के आधार पर अपनी जीत सुनिश्चित मान रहे है |उधर उरई पालिका की राजनीति मे क्षीर सागर परिवार की धमाकेदार एंट्री तय मानी जा रही है यदि सीट सामान्य या सामान्य महिला हुई |तो क्षीर सागर परिवार की तीन पीढियो की राजनैतिक विरासत सम्हाल रही एवं साप नेता व पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुदामा दीक्षित की धर्मपत्नी नम्रता तिवारी दीक्षित भी चुनाव मैदान मे होगी इसमे कोई संदेह नही है| उनके पर बाबा स्वतंत्रता संगाॗम सेनानी स्वःश्री बेनी माधौ तिवारी, बाबा पूर्व विधायक गोविंद नारायन तिवारी के पिता पूर्व विधायक स्व अरविन्द तिवारी बटटू भइया की जनता की गई सेवा का भी नम्रता के साथ भावनात्मक रुप से रहेगी|उधर सपा के विधायक और जिले के ब्राह्मणो के सबसे बडे नेता विनोद चतुर्वेदी भी जो भी सपा से प्रत्याशी बने उसको जिताने मे जी जान लगा देगे || वैसे भी सपा के प्रत्याशी को यादव और मुस्लिम वोट बहुतायत से मिलने की पूरी संभावना है उधर वरिष्ठ पत्रकार संजय कुरेले ने भी अध्यक्ष पद के चुनाव के लिऐ कमर कस ली है| इन तमाम | नये हालातो के चलते हो सकता है | उरई की सीट पिछडी जाति या फिर अनुसूचित जाति के लिऐ आरक्षित कराने के लिऐ भी अभी से विभिन्न नेताओ व्दारा गोपनीय ढंग से गोटे बिछाई जारही है | इतना तय है कि जालौन जिले की चार नगर पालिका अध्यक्ष की सीटों में एक एससी एक पिछड़ा वर्ग दो दो सामान्य होने की पूरी संभावना है| इसी तरह से जिले की कुल छह नगर पंचायतों में अध्यक्ष पदों में से उमरी , नदीगांव और कोटरा काअध्यक्ष पद आरक्षित था| जबकि रामपुरा माधौगढ और कदौरा सामान्य था| चूकि इसबार एट नई नगर पंचायत बनी है |इसलिए 7 में से कम से कम तीन एससी के और एक पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित की होने की संभावना है |