झांसी| नदी से जब समाज जुड़ेगा तभी नदियां अविरल और निर्मल होकर बहेगी यह बात आज जल जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर संजय सिंह ने सारवां गांव के धोबी घाट पर कनेरा नदी पदयात्रा के शुभारंभ के अवसर पर जन समुदाय को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि यह नदी 1 दर्जन से अधिक गांव की जीवन रेखा है और इस नदी को बचाए रखने के लिए पिछले कुछ वर्षों में समाज ने काम किए हैं समाज के काम को सरकार और परमार्थ का भी सहयोग मिला है। कनेरा नदी घाटी संगठन का निर्माण किया गया है लेकिन अब इस नदी के अविरलता और निर्मलता और प्रवाह को बनाए रखने के लिए समाज को जोड़ना आवश्यक है। इसके लिए नदी और प्रकृति के संरक्षण के रूप में मनाया जाने वाला पर्व छठ पूजा के अवसर पर कनेरा नदी पदयात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा सारवां के धोबी घाट से प्रारंभ होकर घुरारी नदी में जहां कनेरा नदी मिलती है,वहां तक की जाएगी। आज इस यात्रा के तहत सारवां गांव से यात्रा प्रारंभ होकर मध्यप्रदेश के हरपालपुर होते हुए खजुरा बुजुर्ग के प्रसिद्ध एवं धार्मिक स्थान शंकर जी के मंदिर पर समाप्त हुई। इस यात्रा में सैकड़ों की तादात में ग्रामीण, जल सहेली, नदी घाटी संगठन के लोग नदी के किनारे-किनारे चल के समाज को जोड़ने काम किया। इस दौरान नुक्कड़ सभाएं, लोगों के साथ संवाद, नदी की समस्याएं, नदी की परिस्थिति एवं नदी के प्रवाह में आने वाली बाधाओ को चिन्हित करने का लगातार काम कर रहे थे। नदी यात्री राम धुन के साथ अपनी इस यात्रा को बुंदेली गीतों एवं उत्साह से लगातार स्थानीय वाद्य यंत्रो को बजाते हुए लोगो को संवेदित कर रहे है। इस अवसर पर मीना देवी
मीरा ठाकुर,मीना अहिरवार, रेखा देवी,नीलम झा, ममता,पिस्ता देवी , आनंद, हेमंत सिंह,पंकज कुमार , मानसिंह, राजेश कुमार,सुदामा गुप्ता , नदी घाटी संगठन के अध्यक्ष हरिसिंह सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे |
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