मोरबी: गुजरात पुलिस ने मोरबी पुल हादसे के बारे में अपनी प्राथमिकी में कहा है कि माछू नदी पर बना मोरबी केबल पुल मरम्मत कार्य व रखरखाव में कमी, कुप्रबंधन या किसी अन्य तकनीकी कारणों से ढह गया। रविवार शाम पुल ढहने से 141 लोगों की मौत हो गई थी। प्राथमिकी में पुलिस ने पुल की मरम्मत करने वाली एजेंसी, उसके प्रबंधन और जांच के दौरान जिनके नाम का खुलासा हुआ है, उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की है। वहीं इस हादसे के पीड़ितों ने जो आपबीती सुनाई वो दिल को दहला देने वाली है।
अस्पताल में भर्ती एक ऐसे शख्स, जिसने अपनी आंखों के सामने दो भतीजों को नदी में समाते हुए देखा, ने अपनी आपबीती सुनाई। शख्स ने बताया, ‘पुल बहुत तेज हिल रहा था। अचानक पुल नीचे बैठ गया। हम सीधे पानी में जा गिरे। मैं पानी के अंदर बहुत गहराई तक जा पहुंचा था। फिर ऊपर धीरे धीरे आया। पुल का एक तार मेरे हाथ में आ गया। मेरे दो भतीजे भी थे, वे मेरे साथ ही थे। उनकी उम्र आठ और नौ साल थी। मैंने उनका 12 रुपये और अपना 17 रुपये का टिकट लिया था। वे नदी में डूब गए। एक चायवाले चश्मदीद ने बताया कि “मैंने जो कुछ देखा वह दिल दहला देने वाला था… अपनी जिंदगी में इससे बुरा कभी नहीं देखा। मेरे सामने आठ महीने की गर्भवती महिला तड़प-तड़प कर मर गई। लोग केबल से लटके हुए थे और नदी में गिरते जा रहे थे…और मैं कुछ नहीं कर पा रहा था। “
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