कौशांबी: उत्तर प्रदेश के कौशांबी चरवा थाना क्षेत्र का गरीब लाचार और बेबस पिता एक अंतहीन दर्द से गुजर रहा है। दरअसल पीड़ित की 13 वर्षीय बेटी से गांव के अधेड़ ने दुष्कर्म किया। बेटी वारदात के बारे में किसी को बता न दे, इसके लिए उनसे डरा धमका कर रखा। लेकिन किशोरी के पेट में गर्भ आने से घटना खुल गई। रिपोर्ट दर्ज हुई, आरोपी जेल भेज दिया गया। बावजूद इसके पीड़ित और उसकी परिवार की मुश्किल कम होने के बजाए बढ़ गई। बेटी के पेट का गर्भ उसकी जान का दुश्मन बन गया। पिछले एक माह से पीड़ित कौशांबी के जिला अस्पताल में भर्ती है। हालत यह है कि अदालत के आदेश के बाद भी डॉक्टर ने रिपोर्ट भेज कर कोर्ट को बताया है कि पीड़ित का गर्भ हटाने पर बच्चे और उसकी जान को खतरा है। पिता अब अस्पताल और कोर्ट के चक्कर काट रहा है। वह बेटी को न्याय दिलाने के साथ ही उसकी जान बचाने की भी कोशिश कर रहा है।
चरवा थाना क्षेत्र के रहने वाले शिव मूरत ने गांव की एक 13 वर्षीय किशोरी से रेप की घटना को अंजाम दिया। दुष्कर्म का राज किसी के सामने खुल न जाए इसके लिए आरोपी शिव मूरत ने पीड़ित के पिता को हत्या का डर दिखा कर उसे चुप रहने पर मजबूर किया। दुष्कर्म के बाद पीड़िता के गर्भ ठहरने पर सबके सामने बात खुल गई। पीड़ित परिवार ने डॉक्टर की रिपोर्ट जैसे पुख्ता दस्तावेज थाना पुलिस को देकर केस दर्ज करने की मांग की। पिता के मुताबिक चरवा के तत्कालीन इंचार्ज ने उन्हें और उनकी बेटी को बुरा-भला कह कर थाने से भगा दिया। बाद में एसपी के निर्देश पर अगस्त माह में केस दर्ज कर शिव मूरत को पुलिस ने जेल भेज दिया।
नाबालिग बेटी का गर्भ हटाने के लिए पिता की कोर्ट में अपील
पीड़िता के पिता ने बताया कि उनकी किशोर बेटी के गर्भ के चलते तबियत लगातार खराब रहने लगी। अस्पताल में दिखाया तो डाक्टरों से उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कर लिया। बेटी की जान बचाने को पिता ने अदालत में गुहार लगा कर गर्भपात कराए जाने की मांग की। अदालत से 15 अक्टूबर को आदेश देकर सीएमओ और सीएमएस को मेडिकल बोर्ड गठित कर गर्भ हटाने का आदेश दिया, लेकिन डाक्टरों ने बेटी का गर्भ नहीं हटाया। सीएमएस डॉ. दीपक सेठ ने बताया कि अदालत से किशोरी के संबंध में आदेश मिले थे, जिस पर कार्यवाही कर जांच कराई गई। किशोरी की हालत और गर्भ की अवस्था (मैच्योरिटी) देख कर उसे हटाने के लिए हायर चिकित्सा सेंटर की आवश्यकता बताई गई। इस संबंध में कोर्ट को विस्तृत जांच रिपोर्ट भेजी गई है। आदेश की हालत में आगे कोई कार्यवाही की जाएगी।
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