उत्तर प्रदेश में गंगा समेत सभी नदियों की स्वच्छता की ऑनलाइन निगरानी होगी। इसके लिए नदियों में गिरने वाले सीवेज को रोकने के लिए बनाए गए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों (एसटीपी) पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। यह निर्देश जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने मंगलवार को पेयजल मुख्यालय में आयोजित नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन निगरानी के लिए लखनऊ में एक कंट्रोल रूम बनाया जाए। जहां से विभागीय कर्मचारी नदियों की स्वच्छता की 24 घंटे मॉनिटरिंग कर सकेंगे। इसके लिए उन्होंने जल्द कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं।
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार गंगा समेत प्रदेश की सभी नदियों की सफाई के लिए बड़े कदम उठाने जा रही है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों के ठीक से संचालन न होने और एसटीपी होने के बावजूद नदियों तक सीवेज पहुंचने पर रोक लगाने के लिए अब ऑनलाइन निगरानी शुरू की जाएगी। इसके तहत विभाग का सर्वाधिक जोर गंगा, यमुना, गोमती और सरयू जैसी बड़ी नदियों के साथ ही छोटी नदियों पर भी है। उन्होंने विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव को नदियों की स्वच्छता की निगरानी के लिए जल्द से जल्द विशेष टीम गठित करने का निर्देश दिया।
उन्होंने बिजनौर से बलिया तक गंगा स्वच्छता पर किए जा रहे कार्यों और नदी के किनारे बने एक-एक एसटीपी की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। समीक्षा बैठक में राज्य मंत्री रामकेश निषाद, जल निगम के एमडी बलकार सिंह और मिशन के अधिशासी निदेशक प्रिय रंजन कुमार भी मौजूद रहे।
यमुना नदी में शुरू होगा विशेष सफाई अभियान
जलशक्ति मंत्री ने नमामि गंगे के तहत ही यमुना नदी में विशेष सफाई अभियान चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने खासतौर पर आगरा, मथुरा और वृंदावन में नदियों की सफाई पर अधिक ध्यान दिए जाने के लिए कहा है।
बुंदेलखंड में दिसंबर तक हर घर में पहुंचाने का निर्देश
जलशक्ति मंत्री ने बुंदेलखंड में जल जीवन मिशन की हर घर नल योजना की भी समीक्षा की और फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन (एफएचटीसी) का प्रजेंटेशन देखा। उन्होंने पूरे प्रदेश में इस योजना को समय से पहले पूरा करने और बुंदेलखंड में हर हाल में दिसंबर तक हर घर तक जल पहुंचाने का निर्देश दिया। बैठक में उन्होंने तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम की भी समीक्षा की।