ये अप्रैल 2019 की बात है। सपा के कद्दावर नेता मोहम्मद आजम खान और रामपुर के तत्कालीन डीएम आन्जनेय कुमार सिंह के बीच टकराव चरम पर पहुंच चुका था। डीएम के आदेश पर आजम के खिलाफ रामपुर के मिलक थाने में हेट स्पीच की FIR दर्ज हो चुकी थी। उसी दरम्यान रामपुर में अहम प्रशासनिक पदों पर बैठे 3 अफसरों ने अचानक एक चिट्ठी डीएम को लिखी।
15 अप्रैल 2019 को जब ये चिट्ठी डीएम आन्जनेय सिंह के पास पहुंची तो उन्होंने इसे पढ़ते-पढ़ते ही रामपुर के पुलिस कप्तान को बुलावा भेज दिया। तीनों चिटि्ठयों का मजमून कमोबेश एक जैसा था। जिसे पढ़ते-पढ़ते डीएम के चेहरे के भाव बदलने लगे थे।
ADM, सिटी मजिस्ट्रेट, SDM ने जताया था खतरा डीएम को ये तीन चिटि्ठयां भेजी गई थीं उस वक्त रामपुर के एडीएम प्रशासन रहे जेपी गुप्ता, सिटी मजिस्ट्रेट सर्वेश गुप्ता और एसडीएम सदर प्रेम प्रकाश तिवारी की ओर से। तीनों चिटि्ठयों में एक ही बात लिखी थी- हमारे घरों की रेकी हो रही है, हमें और हमारी फैमिली को जान का खतरा है।
DM ने रातोंरात बढ़ाई तीनों अफसरों की सिक्योरिटी
जिले के तीन अहम प्रशासनिक पदों पर बैठे तीन PCS अधिकारियों के मन का डर निकालने के लिए तब रामपुर के तत्कालीन डीएम आन्जनेय कुमार सिंह को इन तीनों अफसरों की सिक्योरिटी बढ़ानी पड़ी थी। इन अधिकारियों ने डीएम से शिकायत की थी कि कुछ लोग उनके घरों के आसपास रेकी कर रहे हैं। दफ्तर आते-जाते भी कुछ लोग पीछा करते हैं और भविष्य में कोई हमला कर सकते हैं।
बता दें कि ये तीनों वही अफसर हैं जिनका जिक्र आजम ने 7 अप्रैल को दी गई अपनी हेट स्पीच में भी किया था। आजम ने एक जनसभा में पब्लिक से कहा था- तुम्हें नहीं दिख रहा रामपुर में कैसा कलक्टर आया है और अपने साथ तीन अधिकारी कैसे लाया है।
फतेहपुर से तबादले पर आए थे ये अफसर
अब आपको बताते हैं कि ये तीन अधिकारी आजम के निशाने पर क्यों आए? दरअसल, आन्जनेय रामपुर से पहले फतेहपुर के डीएम थे। जेपी गुप्ता और प्रेम प्रकाश तिवारी भी तब फतेहपुर में ही अलग-अलग पदों पर थे। जब आन्जनेय रामपुर के डीएम बनकर आए तो कुछ ही दिन में इन दोनों का भी शासन ने रामपुर में तबादला कर दिया था। जेपी गुप्ता रामपुर में एडीएम प्रशासन बनाकर भेजे गए थे।
डिप्टी कलेक्टर प्रेम प्रकाश तिवारी को भी शासन ने रामपुर भेज दिया था, जिन्हें आन्जनेय ने एसडीएम सदर बना दिया था। इससे ये संदेश गया कि आन्जनेय कुमार सिंह की डिमांड पर ही आजम को घेरने के लिए शासन ने दोनों अधिकारियों को रामपुर भेजा है। तीसरे अधिकारी सर्वेश गुप्ता भी आन्जनेय गुड बुक में थे। जिन्हें रामपुर का सिटी मजिस्ट्रेट बनाकर शासन ने भेजा था।
आन्जनेय ने रामपुर में तैनाती के एक महीने के भीतर ही आजम के खिलाफ जो भी कड़े एक्शन लिए। उन्हें अमलीजामा पहनाने में इन तीनों अधिकारियों की अहम भूमिका रही। ऐसे में ये तीनों भी आजम की नजरों में चुभने लगे थे।
DM ने शासन को भेज दी थी रिपोर्ट
मुरादाबाद के कमिश्नर आन्जनेय कुमार सिंह ने दैनिक भास्कर से बातचीत में स्वीकार किया कि तब रामपुर के एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम सदर ने उन्हें एक चिट्ठी लिखी थी। जिसमें उन्होंने अपनी जान का खतरा बताते हुए कहा था कि कोई उनके घरों की रेकी करा रहा है। आन्जनेय सिंह बोले- शिकायत आई थी, लेकिन मुझे नहीं लगा कि बात बहुत बड़ी थी। मैंने तुरंत तीनों अधिकारियों और उनके आवासों की सिक्योरिटी बढ़वा दी थी। इस बारे में शासन को भी अवगत करा दिया गया था।
आजम की सल्तनत उजाड़ने वाले IAS IAS आन्जनेय कुमार सिंह। सिक्किम कैडर के 2005 बैच के IAS अधिकारी ने सपा नेता आजम खान की सल्तनत को उजाड़कर रख दिया है। यही वो अफसर हैं, जिसके बारे में 2019 में दी गई अपनी हेट स्पीच की वजह से आजम खान को अब विधायकी तक गंवानी पड़ गई। मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आन्जनेय कुमार तब रामपुर के कलेक्टर हुआ करते थे। वही कलेक्टर जिससे कभी नेताजी (आजम) ने अपने जूते साफ कराने की हसरत पाली थी।
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