मोहनलालगंज के गौरा गाँव मे बर्थ डे पार्टी मे दूषित खाना खाने से बीमार पड़ने वाले बच्चों की संख्या बुधवार को बढ़ गई। बुधवार को अस्पताल मे भर्ती लोगों की संख्या 62 हो गई जबकि हालत बिगड़ने पर 17 लोगों को सिविल अस्पताल रेफर कर दिया गया। सीएचसी से सिविल को रेफर किए गए मरीजों में अधिकांश बच्चे शामिल हैं।
बुधवार को खाना बनाने वाले कारीगरो की भी तबियत बिगड़ने पर उसे सीएचसी मे भर्ती कराया गया। वहीं अस्पताल मे भर्ती कुछ मरीजों को तेज बुखार भी आ गया। बर्थ डे पार्टी में सौ से अधिक लोगों ने खाना खाया था। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि बीमार लोगों की संख्या और बढ़ सकती है।
गौरा गांव में सोमवार रात बर्थडे पार्टी में बना दूषित खाना खाने से बच्चे और महिलाओं समेत 70 लोग बीमार हो गए थे। गांव के सनी रावत के एक वर्षीय बेटे केसू का जन्मदिन था। जन्मदिन के मौके पर घर पर ही खाना बनाकर लोगों को दावत दी गई थी। खाने मे छोला, चावल, सूखी सब्ज, पूड़ी व रायता बना था।
सोमवार से लोगों के बीमार होने का सिलसिला बुधवार तक जारी रहा। खाना बनाने वाले कारीगर रंजीत, अंकित, विकास व जयप्रकाश के सीएएचसी मे भर्ती होने के बाद भर्ती होने वालो मरीजों की संख्या 62 तक पहुंच गई है। जबकि तेज बुखार आने के बाद हालत में सुधार न होने पर अतुल (13), मानसी (12), सरिता (25), सनी (10), वैष्णवी (5), अनिमेश (3), रजनीश (10), हिमांशी (10), माया (11), राजा (9), विनीता (17), शिल्पी (13), बृजेश (15), आर्यन (13), अरूण (13), मोहिनी (11), व अमन (11) को सिविल अस्पताल इलाज के लिए रेफर किया गया है।
सीएचसी अधीक्षक डॉ. अशोक कुमार ने बताया मरीजों की डेंगू, मलेरिया जांच नार्मल है। मरीजों को बुखार आने का कारण संक्रमण के चलते पेट में कोई गंभीर विषाणु हो सकता है। कुछ मरीजों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल भेजा गया है अन्य मरीजों का इलाज सीएचसी पर किया जा रहा है।
बच्ची की हालत बिगड़ी तो पिता हुआ बदहवास
रेफर किए गए मरीजों को सिविल ले जाते समय मची अफरातफरी के बीच शिल्पी छूट गई और एम्बुलेंस जाने लगी तो पिता बदहवास हो गया। पिता के रोने से अस्पताल मे हंगामा होने लगा। सीएचसी अधीक्षक बच्ची को एम्बुलेंस तक लाए और लोगो को शांत कराया।
तीस बेड के अस्पताल मे 62 मरीज
सीएचसी मोहनलालगंज में तीस मरीजों को भर्ती करने की ही व्यवस्था है लेकिन दूषित खाना खाकर बीमार पडे़ लोगों के अचानक सीएचसी मे पहुंचने से एक बेड पर दो लोगों को लिटाया गया। दूषित खाना खाने से बीमार पड़ी रीतू को तेज बुखार आने पर अस्पताल लाया गया लेकिन बेड खाली न होने से काफी देर इलाज के लिए इंतजार करना पड़ा।
सीएमओ को थामनी पड़ी ग्लूकोज की बोतल
सीएचसी अधीक्षक ने बेड की कमी होने पर दो-दो मरीजों को एक बेड पर भर्ती कर दिया। सीएमओ ने इस पर नाराजगी जताते हुए सीएचसी परिसर में बने बाल महिला के भवन में बीमारों को भर्ती कराया। मरीजों को शिफ्ट करने के दौरान सीएमओ को मरीज की ग्लूकोज की बोतल संभालनी पड़ी।
कल भर्ती होने वालों में संदीप 7 वर्ष, बृजेश 15 वर्ष, आर्यन 13 वर्ष, आलोक 14 वर्ष, शान 26 वर्ष, रूबी 25 वर्र्ष, ममता 28 वर्ष, सरस्वती 50 वर्ष, पलक 12 वर्ष, लकी 11 वर्ष, अमन 13 वर्ष, अमन 12 वर्ष, आकाश 12 वर्ष, रचित 8 वर्ष, विस्सू 7 वर्ष, राहुल 10 वर्ष, अमित 32 वर्ष, शिल्पा 12 वर्ष, सावित्री 19 वर्ष, तन्नू 10 वर्ष, नेहा राणा 9 वर्ष, अतुल 10 वर्ष, रवि 10 वर्ष, कुमकुम 12 वर्ष, माया 12 वर्ष, मानसी 10 वर्ष, सरिता 18 वर्ष, नीतेश 13 वर्ष, राधा 14 वर्ष, पलक 12 वर्ष समेत कुल 52 लोग हैं।
गंदा पानी भी हो सकता है वजह
गौरा गांव में इतने लोगों के बीमार पड़ने की वजह गंदा पानी भी हो सकती है। गांव के पास कई फैक्टरी हैं, जिनसे गंदा पानी निकलता रहता है। आशंका है कि यही पानी रिसकर हैंडपंप से दावत वाले घर पहुंचा हो। खाना बनाने में इसी पानी का इस्तेमाल होने से लोग बीमार हो सकते हैं। पानी की जांच होने पर असली कारण सामने आ सकता है।
उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने पीड़ितों का हाल लिया
बीमार पड़े बच्चों की सेहत का हाल लेने के लिए बुधवार दोपहर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक सिविल अस्पताल पहुंचे। उन्होंने डॉक्टरों से मरीजों के इलाज की जानकारी हासिल की। इलाज के बावजूद एक मरीज की तबीयत में सुधार नहीं हो पा रहा था। लिहाजा उन्होंने अपनी देख.रेख में मरीज को केजीएमयू में शिफ्ट कराया। इससे पहले प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने पार्थ सारथी सेन शर्मा ने मोहनलालगंज जाकर मरीजों की सेहत का हाल लिया। पीड़ित परिवारीजनों से भेंट की। उसके बाद अस्पताल में भर्ती मरीजों की सेहत का हाल लिया। वहां डॉक्टरों से इलाज संबंधी जानकारी ली।
अपनी देख.रेख में सिविल से केजीएमयू शिफ्ट कराया मरीज
डिप्टी सीएम सिविल अस्पताल पहुंचे तो वहां पर एक मरीज मनोज की हालत डॉक्टरों ने गंभीर बताया। डॉक्टरों से मरीजों को पुख्ता इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री ने तुरंत केजीएमयू सीएमएस डा. एसएन शंखवार को फोन कर मरीजों को भर्ती करने के निर्देश दिए। अपनी निगरानी में मरीज को केजीएमयू रेफर कराया।
पल.पल की जानकारी मांगी
उप मुख्यमंत्री ने मरीजों के इलाज संबंधी जानकारी फोन पर समय.समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहाकि मरीजों के इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही ठीक नहीं होगी। इसके साथ ही उप मुख्यमंत्री ने लोकबंधु और बलरामपुर अस्पताल में बेड आरक्षित करने के निर्देश दिए हैं। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल को सीएचसी में भर्ती मरीजों की खुद निगरानी करने के लिए कहा है।