यंग भारत ब्यूरो
सुप्रीम कोर्ट ने 22 साल पुराने लाल किले पर हमले के मामले में गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने हमले में दोषी करार दिए गए आतंकी आरिफ उर्फ अशफाक की फांसी की सजा बरकरार रखी है। दरअसल, आरिफ ने सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर कर अपनी सजा माफ करने की मांग की थी। उसका कहना था कि वह उम्रकैद के बराबर की सजा पहले ही जेल में काट चुका है।
चीफ जस्टिस यूयू ललित और न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी की एक पीठ ने कहा कि उसने ‘इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड’ पर विचार करने के आवेदन को स्वीकार किया है। पीठ ने कहा, ‘‘हम उस आवेदन को स्वीकार करते हैं कि ‘इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड’ पर विचार किया जाना चाहिए। वह दोषी साबित हुआ है। हम इस अदालत द्वारा किए गए फैसले को बरकरार रखते हैं और पुनर्विचार याचिका खारिज करते हैं।’’