हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के एक गांव में 37 मुर्दों से मनरेगा योजना में मजदूरी कराने और लाखों रुपये की सरकारी धनराशि ठिकाने लगाए जाने के खेल सामने आया। इसके बाद डीएम ने गांव के सरपंच पर बड़ी कार्रवाई की है। तीन सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरपंच के वित्तीय अधिकारी सीज कर दिए गए है। इस कार्रवाई से सरपंच के समर्थकों में हड़कंप मच गया है।
हमीरपुर के मौदहा क्षेत्र के खंडेह गांव में सरपंच और सचिव ने मिलकर मनरेगा योजना में भारी अंधेरगर्दी का खेल खेला है। मनरेगा योजना में सरपंच ने मुर्दों से भी मजदूरी कराकर फर्जी तरीके से लाखों रुपये का फंड ठिकाने लगाया है। मामले का खुलासा करने वाले गांव के देवेन्द्र कुमार उर्फ राजू तिवारी ने बताया कि छोटेलाल, गंगिया, बिन्दा, जगदीश, हरनाम सिंह, नारायन. संवलिया, आशाराम, रामसिंह, हरीशंकर, भूरी, भरतलाल, सुरेन्द्र कुमार, गनेशा, महादेव, मनीराम, रघुवर, रामऔतार, लखनलाल, बाबूलाल, बिहारी, मुन्नीलाल, टिल्लू, बरदानी, कल्लू, रामजानकी, कालीदीन, मंगी, माता प्रसाद सहित 37 मृतकों के जॉब कार्ड के जरिए फर्जी मजदूरी कराई गई है।
सरपंच के साथ अन्य आरोपियों पर भी होगी कार्रवाई
इन मजदूरों की मौत हो चुकी है। डीएम के आदेश पर तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने पूरे मामले की जांच भी की है। जांच रिपोर्ट के बाद सरपंच पर डीएम ने बड़ी कार्रवाई की है। यहां के डीपीआरओ राजेन्द्र प्रकाश ने बताया कि गांव की सरपंच के वित्तीय अधिकारी सीज कर दिए गए है। वहीं अन्य आरोपियों पर भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। बताया कि ग्राम पंचायत में तीन सदस्यीय संचालन समिति के गठन करने की कार्रवाई की जा रही है।
सरकारी कर्मियों के नाम पर भी गबन की गई धनराशि
इस मामले की कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराने वाले गांव के राजू तिवारी ने बताया कि खंडेह गांव में अंधेरगर्दी की सारी हदें ही पार की गई है। गांव की सरपंच ने सरकारी नौकरी करने वाले खूब चन्द्र, रामकिशोर, कुलदीप, जसवंत, संजय, संतोष, राकेश, प्रेमचन्द्र, बिन्दादीन, श्याम सुन्दर, कामता, रामप्रताप सहित तमाम लोगों के फर्जी जाॉब कार्ड पर भी मनरेगा योजना की बड़ी धनराशि का गोलमाल किया गया है। बताया कि जॉब कार्ड 1472 से 1530 तक के फर्जी लोगों के नाम भी अभिलेखों में दर्ज कर मनरेगा योजना में लूटपाट की गई है।
महिला सरपंच समेत चार के खिलाफ मामला भी दर्ज
गांव के देवेन्द्र कुमार उर्फ राजू तिवारी ने बताया कि मनरेगा योजना में मृतकों और सरकारी नौकरी करने वालों से फर्जी मजदूरी कराना दिखाया गया। धांधली करने के मामले में गांव की सरपंच बसंती पत्नी कामता प्रसाद, ग्राम विकास अधिकारी आशीष कुमार, तकनीकी सहायक रामबाबू और कम्प्यूटर ऑपरेटर लोकेन्द्र सिंह के खिलाफ मौदहा कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस मामले की जांच भी डीएम के निर्देश पर सीडीओ ने बैठाई थी। तीन सदस्यी जांच कमेटी ने पूरे मामले की जांच की है।
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