यूपी को 30 आईपीएस अफसर मिले हैं। बीते 7 अक्टूबर को विभागीय प्रोन्नति समिति (DPC) की बैठक हुई थी। प्रांतीय पुलिस सेवा (PPS) संवर्ग के 30 अधिकारियों को पदोन्नति प्रदान किए जाने की सहमति मिली थी। राष्ट्रपति की अनुमति के बाद केंद्र सरकार ने गुरुवार को इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है।
7 अक्टूबर को संघ लोक सेवा आयोग के अधिकारियों की अगुवाई में हुई डीपीसी में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र व डीजीपी डा. डीएस चौहान भी मौजूद रहे थे।
इन अधिकारियों को मिली पदोन्नति 1992 बैच के श्रवण कुमार सिंह, सर्वानंद सिंह यादव, हफीजुर रहमान, रमेश प्रसाद गुप्ता ,केशव चंद्र गोस्वामी ,ओमवीर सिंह, राजेश कुमार यादव ,बबीता साहू, लाल साहब यादव , राजधारी चौरसिया, विनोद कुमार, ओम प्रकाश यादव, महात्मा प्रसाद, प्रबल प्रताप सिंह ,राजेश कुमार, दयाराम ,गिरिजेश कुमार , प्रेमचंद्र, भीमप्रिय अशोक, संजय कुमार को DPC का लाभ मिला है। वे पीपीएस से आईपीएस बने हैं।
इसके अलावा 1993 बैच के दिनेश कुमार सिंह, चंद्र प्रकाश शुक्ला, बृजेश कुमार मिश्रा, आशुतोष शुक्ला ,बृजेश कुमार श्रीवास्तव ,शैलेंद्र कुमार राय ,शिवाजी ,अरविंद मिश्रा, आदित्य कुमार शुक्ला, अनिल कुमार सिंह के नामों पर भी मुहर लगी है।
दो पीपीएस अफसरों का लिफाफा बंद होने के चलते उनके नाम पर विचार नहीं हुआ
इन अधिकारियों के थे लिफाफे बंद बीते 7 अक्टूबर को हुई विभागीय प्रोन्नति समिति(DPC) की बैठक में वरिष्ठता सूची में शामिल रहे एएसपी अमित मिश्रा व संजय कुमार यादव के लिफाफे बंद रहे। 1989 बैच के पीपीएस अधिकारी अमित मिश्रा का लिफाफा पांच वर्षों से बंद हो रहा है। उनके विरुद्ध पुलिस अभिरक्षा में हुई मौत के मामले में जांच प्रचलित है।
इसके अलावा 1993 बैच के पीपीएस अधिकारी संजय कुमार यादव को बीते दिनों भ्रष्टाचार के गंभीर मामले में निलंबित किया गया था। एएसपी संजय यादव के छोटे भाई आइआरएस (भारतीय राजस्व सेवा) अधिकारी डा.शशांक यादव को एक वर्ष पूर्व राजस्थान की एंटी करप्शन ब्रांच ने घूस की रकम के साथ पकड़ा था। शशांक की स्कार्पियो से 16.32 लाख रुपये बरामद हुए थे। इसी मामले में पाया गया था कि स्कार्पियो संजय यादव की बेनामी संपत्ति थी।
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