उरई(जालौन)। आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से जिला अस्पताल के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ दीपक आर्या ने 70 वर्षीय एक बुजुर्ग मरीज के बाएं कूल्हे का सफल प्रतिस्थापन (बाइपोलर हेमीअथ्रोप्लास्टि) सर्जरी के माध्यम से किया। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एनडी शर्मा ने बताया कि कूल्हे के प्रतिस्थापन की सर्जरी जनपद के जिला अस्पताल में योजनांतर्गत किया गया दूसरा सर्जरी है। इससे पहले भी कई मरीजों को अन्य हड्डी रोग जैसे फ्रैक्चर आदि से संबंधित सर्जरी की सुविधा जिला चिकित्सालय में दिलाई जा चुकी है। लेकिन आंशिक हिप रिप्लेसमेंट का यह दूसरा मरीज़ है, जिसका सफल ऑपरेशन किया गया। उन्होंने बताया कि आयुष्मान लाभार्थी मरीज़ को इम्प्लांट, दवाई और अस्पताल में भर्ती होने के बाद सभी सुविधाएं निशुल्क लाभार्थियों को उपलब्ध कराई जाती है।
आयुष्मान भारत योजना के जिला कार्यक्रम प्रभारी डॉ. आशीष कुमार झा ने बताया कि जनपद में अभी तक कुल 1.91 लाख लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं एवं 68 प्रतिशत परिवारों में कम से कम एक सदस्य का आयुष्मान कार्ड बन चुका है। शेष लाभार्थी परिवारों तक आयुष्मान कार्ड पहुंचाने की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग द्वारा सक्रिय तौर पर किया जा रहा है। 17599 लाभार्थी मरीजों को अब तक योजना के अंतर्गत उपचार की सुविधा पंजीकृत अस्पतालों में दी गई हैं। लाभार्थी को उपचार दिलाने में जनपद जालौन पूरे बुंदेलखंड में पहले स्थान पर हैं।
क्या किया जाता है बाइपोलर हेमिअर्थ्रोप्लास्टी में:
ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ दीपक आर्या ने बताया कि यह सर्जिकल प्रक्रिया जांघ की हड्डी (फीमर) को स्थिर करने और कूल्हे के कार्य को पुनः स्थापित करने के लिए डिज़ाइन किए गए इम्प्लांट के साथ क्षतिग्रस्त फीमर के सिर को बदल देती है। कुल हिप रिप्लेसमेंट के विपरीत, जिसमें फीमर की बॉल और हिप सॉकेट दोनों को बदल दिया जाता है, इस प्रक्रिया में, केवल बॉल को बदला जाता है। हेमीआर्थ्रोप्लास्टी एक दुर्लभ सर्जरी है जो केवल विशिष्ट परिस्थितियों में ही की जाती है। कूल्हे के जोड़ के आधे हिस्से को बदलना आमतौर पर दर्दनाक चोट के बाद किया जाता है। यह आमतौर पर ऊँचे स्थान से गिरने के बाद होता है। जहां कूल्हे विस्थापित और फ्रैक्चर हो जाते हैं।