अधिकारी शासन की विकास की प्राथमिकता के कार्यक्रमो पर फोकस करे-चाँदनी सिंह
उरई| जिलाधिकारी चाँदनी सिंह ने शासन के सर्वोच्च प्राथमिकता वाले विकास कार्यों की समीक्षा विकास भवन के रानी लक्ष्मीबाई सभागार में बैठक करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने विभाग की योजनाओं के लक्ष्य को निर्धारित समय सीमा में पूरा करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी शासन के विकास प्राथमिकता कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दें इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए। उन्होंने कहा कि समस्त पेंशन संबंधित योजनाओं को पात्र लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाकर लाभान्वित करें। इस संबंध में लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि जनपद में चल रहे विकास एवं जनकल्याणकारी कार्यों को नियमित अनुश्रवण किया जाए और आवश्यकतानुसार ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिविर लगाकर पात्रों को लाभान्वित किया जाए। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के अनुश्रवण के साथ ही एक रणनीति बनाकर निर्धारित लक्ष्य निर्धारित अवधि में प्राप्त किया जाए। बैठक में छात्रवृत्ति योजना, कन्या सुमंगला योजना, मत्स्य विभाग, कृषि विभाग, मनरेगा, प्रधानमंत्री /मुख्यमंत्री आवास योजना आदि योजनाओं कि विभाग वार समीक्षा की गई। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ अभय कुमार श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नरेंद्र देव शर्मा, परियोजना निदेशक शिवाकांत द्विवेदी, डीसी मनरेगा अवधेश दिक्षित आदि जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
डेंगू से डरने की जरुरत नहीं, सावधानी बरतें – केसी राय
जिले में डेंगू से निपटने की पर्याप्त तैयारी, स्वास्थ्य महकमा एलर्ट मोड पर
उरई। डेंगू होने के बाद भी यदि प्लेटलेट्स बीस हजार से अधिक हैं और यदि ब्लीडिंग नहीं हो रही है तो घबराएं नहीं। समुचित व समय पर इलाज लेने से डेंगू पर काबू पाया जा सकता है। साथ ही इस दौरान मरीज को अधिक से अधिक तरल पदार्थ दें। क्योंकि डेंगू होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है। यह बात सोमवार को जिला अस्पताल का निरीक्षण करने आए अपर निदेशक स्वास्थ्य झांसी डॉ. केसी राय ने कही।
उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए 113 बैंड का वार्ड बनाया गया है। इसमें 46 बैडों को ऑक्सीजन व कल्सल्टेटर से जोड़े गए हैं। साथ ही पूरा स्वास्थ्य महकमा एलर्ट मोड पर है। साथ ही गांव स्तर पर बुखार से पीड़ित लोगों की जांचे भी की जा रही हैं। हांलाकि प्रदेश के अन्य जिलों में डेंगू के मरीज निकालने की खबरें आ रही हैं। लेकिन जिले में ही नहीं पूरे बुंदेलखंड में डेंगू नियंत्रण में है। अभी जिले में केवल एक मरीज पीड़ित है जिसका इलाज मेडीकल कालेज में चल रहा है। जब उनसे पूछा गया कि सरकारी आकड़ों में भले ही डेंगू के मरीज न निकल रहे हो लेकिन प्राईवेट लैब में जांच कराने वाले मरीजों में दस प्रतिशत रोगी डेंगू के निकाल रहे हैं। इस पर उन्होंने कहाकि स्वस्थ्य मनुष्य में प्लेटलेट्स एक लाख बीस हजार होना चाहिए। यदि जांच में 70 या 80 हजार भी निकलती है तो प्राईवेट चिकित्सक मरीजों के परिजनों को डेंगू बता कर डरा देते है। जबकि वीस हजार प्लेटलेट्स रहने तक मरीज खतरे से बाहर रहता है। साथ ही समुचित इलाज लेने पर चार से पांच दिनों में प्लेटलेट्स अपने आप सामान्य स्थिति में आ जाते हैं। इसके साथ ही प्राईवेट लैब्स से भी आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। इस दौरान सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा, जिला पुरुष चिकित्सालय एसीएमएस अवनीश बलौदा मौजूद रहे।
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