कानपुर। कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर मंगलवार की सुबह खाेदाई में शिवलिंग जैसे तीन पत्थर मिले हैं, जिससे नाग-नागिन के जोड़े लिपटे देखे जाने और फिर भूमि के अंदर कहीं चले जाने की बात कही जा रही है। जानकारी मिलते ही आसपास के लोगों भीड़ एकत्र हो गई, चर्चा रही कि तीनों पत्थर शिवलिंग है और ब्रिटिशकाल से पहले के हो सकते हैं। आरपीएफ और रेलवे अधिकारी भी पहुंच गए और विशेषज्ञों से जानकारी कराने का प्रयास शुरू किया गया है।
खोदाई के दौरान दिखे तीन शिवलिंग
कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर बीते करीब एक वर्ष से आरपीएफ सेंट्रल थाने के पास एस्केलेटर व पैदल पुल निर्माण का काम चल रहा है। एस्केलेटर बनाने का काम पूरा होने के करीब है। यहां पर निर्माण के लिए सोमवार को खोदाई शुरू की गई थी। मंगलवार की सुबह भी दूसरी तरफ लोहे के एंगल लगाने के लिए खोदाई की जा रहा थी। खोदाई के दौरान मलबा हटाते ही नीचे एक के बाद एक तीन शिवलिंग दिखाई दिए।
विलुप्त हो गया नाग नागिन का जोड़ा
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो शिवलिंग से नाग और नागिन का जोड़ा भी लिपटा हुआ था। खोदाई के बाद शिवलिंग दिखने वाले पत्थर बाहर आए तो उनसे लिपटे नाग-नागिन को फन ऊंचा करते देखा गया। इसके बाद नाग नागिन फिर वापस मिट्टी के अंदर कहीं चले गए। वो कहां गए इसका पता नहीं चल सका। जानकारी होते ही शिवलिंग देखने के लिए लोगों की भीड़ पहुंच गई और आरपीएफ जवानों के साथ रेलवे अफसर भी पहुंच गए।
पुरातत्व विभाग को रेलवे लिखेगा पत्र
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार शिवलिंग प्राचीन हैं, जो ब्रिटिशकाल या उससे पहले के प्रतीत हो रहे हैं। यह भी संभव है कि यहां पर कोई शिव मंदिर रहा होगा, जो रेलवे स्टेशन बनाए जाते समय दब गया होगा। कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन के उपमुख्य यातयात प्रबंधक आशुतोष सिंह ने बताया कि खोदाई में मिले पत्थर शिवलिंग हैं या नहीं इसकी जांच कराएंगे। रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग की टीम को मौके पर जांच के लिए भेजा गया है। पुरातत्व विभाग को भी पत्र लिखकर विशेषज्ञों से जांच कराई जाएगी।
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