हजरतगंज के प्राग नारायण रोड पर स्थित यजदान बिल्डर के छह मंजिला अपार्टमेंट को ध्वस्त करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. एलडीए ने अपार्टमेंट ढहाने के लिए मुंबई से एक्सपर्ट्स बुलवाए हैं, जो सोमवार से कार्रवाई शुरू करेंगे. एक्सपर्ट्स की टीम 15 दिन में पूरा अपार्टमेंट ध्वस्त कर देगी. इस बीच अपार्टमेंट में रह रहे लोगों में घबराहट का माहौल है. शनिवार रात ही पुलिस ने अपार्टमेंट में रह रहे छह परिवारों से उनके फ्लैट खाली करा लिए.
क्या है पूरा मामला?
अपार्टमेंट के लोगों ने इस कार्रवाई का कड़ा विरोध किया है. उनका कहना है कि बिल्डर से सारे कागजात देखने के बाद ही फ्लैट खरीदे थे. अपार्टमेंट का नक्शा एलडीए ने पास किया. रेरा से भी स्वीकृति मिली हुई है. कई लोगों ने उन्हीं कागजातों के आधार पर बैंक से लोन लेकर फ्लैट खरीदे हैं. फिर अचानक अपार्टमेंट अवैध कैसे हो गया. अपार्टमेंट में एक फ्लैट 35 से 40 लाख रुपए का है और लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई का बड़ा हिस्सा बिल्डर को देकर रजिस्ट्री कराई है. अपार्टमेंट के 48 फ्लैट में से 36 की रजिस्ट्री हो चुकी है और कई परिवार वहां रहे भी रहे हैं.
लोग परिवार के साथ सड़क पर आए
फ्लैट में रह रहे लोगों का कहना है कि पुलिस ने उन्हें रात को अपराधियों की तरह निकाल दिया. अब सब परिवार के साथ सड़क पर हैं. कहां जाएं, किससे शिकायत करें, कुछ समझ में नहीं आ रहा. फ्लैट मालिकों ने अपार्टमेंट को ध्वस्त करने पर अपनी जान देने और आत्मदाह करने की धमकी भी दी है. उधर, लोगों के हंगामा करने पर बिल्डर भी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने कहा कि हमारे पास सारे कागजात हैं. अपार्टमेंट नजूल की जमीन पर बना है और नजूल से एनओसी नहीं मिली है. इसी आधार पर एलडीए ने अपार्टमेंट को अवैध बताया है. बिल्डर का कहना है कि वह नजूल से एनओसी लेकर शमन शुल्क भी जमा करना चाहता है लेकिन एलडीए कोई मौका नहीं दे रहा.
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