प्रयागराज: बात सिविल लाइंस थाने के बाहर चल रहे धरने की थी, लेकिन इसे खत्म कराने में इंस्पेक्टर इतना भावुक हो जाएंगे, किसी ने सोचा नहीं था। मानमनौव्वल करते-करते अचानक वह इतना दुखी हुए कि वर्दी उतारकर खुद धरने पर बैठने की बात कहने लगे। फूट-फूटकर रोने भी लगे। यह देख प्रदर्शनकारियों का भी दिल पसीज गया और उन्होंने झट से धरना खत्म कर दिया।
दरअसल खुद पर हमला करने के आरोप में दर्ज मुकदमे में कार्रवाई न करने का आरोप लगाकर भुक्तभोगी सत्यम कुशवाहा व आदर्श भदौरिया सोमवार दोपहर 12.30 के करीब सिविल लाइंस थाने के बाहर पहुंचे थे। वह अर्धनग्न हो गए और थाने के बाहर धरने पर बैठ गए। सत्यम के हाथ जबकि आदर्श के सिर में चोट थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि हत्या के प्रयास व लूट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी सिविल लाइंस पुलिस लीपापोती कर रही है। घटना में प्रयुक्त क्रेटा कार को अगले ही दिन बरामद करते हुए मालिक बेनीगंज निवासी शुभम पांडेय को हिरासत में ले लिया था।
उन्होेंने यह भी आरोप लगाया कि घटना में शुभम भी शामिल था। लेकिन तीन दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। आरोप लगाया कि पुलिस उसका शांतिभंग में चालान कर मामला रफा दफा करने की तैयारी में है। थाने के बाहर छात्रों के धरने पर बैठने की सूचना पर इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह यादव पहुंचे और उन्हें हटाने की कोशिश की। लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हुए। उनके साथ कई छात्र भी थे, ऐसे में एहतियातन शाहगंज व अतरसुइया थाने की फोर्स भी बुला ली गई।
इस दौरान बड़ी संख्या में वहां अधिवक्ता भी पहुंच गए और उन्होंने भी धरने पर बैठे दोनों छात्रों को समझाया। काफी मान-मनौव्वल पर करीब एक घंटे बाद दोनों छात्रों को उठाया जा सका।
इसके बाद उन्हें समझाकर भेज दिया गया। मामले में सिविल लाइंस थाने के प्रभारी एएसआई इंद्रदेव द्विवेदी ने बताया कि प्रभारी निरीक्षक अवकाश पर चले गए हैं। शुभम पांडेय का शांतिभंग में चालान किया गया है।