प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। इसी बीच राज्य के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डेंगू के फैले प्रकोप को देखते हुए स्कूलों में इसके बचाव के बारे में यूपी सरकार से जानकारी मांगी है। कोर्ट ने पूछा है कि स्कूलों में क्या व्यवस्था की गई है। खासतौर से बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए क्या इंतजाम किए जा रहे है। उन्हें इसको लेकर जागरूक किया गया है या नहीं। इस मामले की सुनवाई कोर्ट ने पांच दिसंबर की तारीख तय की है। इस दिन योगी सरकार को कोर्ट के द्वारा मांगी गई रिपोर्ट के सौपना होगा।
डेंगू के उपचार के लिए की गई व्यवस्था को लेकर कोर्ट ने पूछा सवाल
कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए पांच दिसंबर की तिथि तय करते हुए सरकार से रिपोर्ट देने के लिए कहा है। इसकी सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज मिश्र और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ कर रही है। इससे पहले सुनवाई शुरू होने पर प्रयागराज में डेंगू के उपचार के लिए की गई व्यवस्था के संबंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। जिसमें बताया गया कि उपचार के लिए अस्पतालों में बेड सुरक्षित होने के साथ-साथ वहां फिजिशियन तैनात हैं। इसके अलावा जांच और दवाओं के भी खास इंतजाम किए गए हैं।
शिक्षा विभाग ने भी डेंगू से बचाव के लिए उठाया था कदम
इन तैयारियों के अलावा ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स भी पर्याप्त मात्रा है। ऐसा बताया जा रहा है कि संक्रमण बढ़ने के दौरान इसकी कमी थी लेकिन अब इसकी कमी को भी दूर कर लिया गया है। दूसरी ओर प्लेटलेट्स की मांग भी कम हो गई है। सरकार की तरफ से अधिवक्ता एके गोयल ने बहस की। कोर्ट ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेते हुए मामले की सुनवाई के लिए पांच दिसंबर की तिथि तय कर दी। बता दें कि कोर्ट के आदेश से पहले शिक्षा विभाग ने भी निर्देश जारी कर दिए थे कि बाहरवीं तक के माध्यमिक स्कूलों में छात्र-छात्राओं को पूरी बाह की शर्ट व फुल पैंट पहनकर स्कूल आना अनिवार्य है।
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