पुरानी तकनीक से काफी परेशानी हो रही है। उसको नई तकनीक में बदलने के लिए कहा गया था लेकिन संबंधित कंपनी ले ऐसा कुछ नहीं किया। इसमें यह भी कहा गया है कि जो मीटर बदलेगा उसके लिए उपभोक्ताओं को कोई भी पैसा नहीं देना होगा।
उपभोक्ता परिषद ने मांग की है कि 25000 करोड़ के 4जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर का निकाला गया टेंडर भी निरस्त किया जाए। इसको भी 5 जी आधारित नई तकीनी से स्मार्ट मीटर बनाया जाए। विद्युत नियामक आयोग में याचिका भी लगाई जिसमें आयोग द्वारा पावर कारपोरेशन को यह निर्देश दिया गया था की पुरानी तकनीकी के 2 जी 3 जी मीटर उपभोक्ताओं के यहां लगे हैं उनको बदला जाए।
चार से पांच गुना बिल ज्यादा आने लगा था
उपभोक्ताओं को रिचार्ज करने में परेशानी होने लगी थी। इसके अलावा बिजली का बिल भी ज्यादा आने लगा था। स्थिति यह थी कि 50 लाख मीटर लगाने का आदेश दिया था लेकिन उपभोक्ता परिषद की लड़ाई के बाद 12 लाख मीटर लगने से पहले से रोक लगा दी गई। अब फिर से उपभोक्ताओं के घर में 4 जी तकनीकी के स्मार्ट प्रीपेड मीटर स्थापित किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश पावर कॉरर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार की तरफ से मुख्य कार्यकारी अधिकारी एनर्जी एफिशिएंसी प्राइवेट लिमिटेड को यह पत्र भेजा गया है की उत्तर प्रदेश में उपभोक्ताओं के परिसर पर जो 11 लाख 54 हजार स्मार्ट मीटर पुरानी तकनीकी यानी 3जी संचार तकनीकी के लगाए गए हैं उन्हें अविलंब 4जी संचार तकनीकी में परिवर्तित किया जाए।
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