लखनऊ। अदालत के आदेश की अवहेलना एक कालेज के प्रबंधक को भारी पड़ी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने आदेश का अनुपालन न करने पर बाराबंकी स्थित श्री दुर्गा विद्या मंदिर इंटर कालेज के प्रबंधक सुरेन्द्र विक्रम सिंह को दोष सिद्ध करार दे दिया है। कोर्ट ने प्रबंधक को तीन माह के साधारण कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने की रकम न जमा करने पर 15 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
अवमानना अर्जी पर फैसला
यह आदेश जस्टिस राजीव सिंह की एकल पीठ ने सुमन बाला श्रीवास्तव की ओर से दाखिल अवमानना अर्जी पर पारित किया। कोर्ट ने कहा कि सजा का आदेश दो सप्ताह तक अमल में नहीं लाया जाएगा ताकि प्रबंधक यदि चाहे तो अपीलीय अदालत में राहत की मांग कर सके। कोर्ट ने अपने आदेश के अनुपालन के लिए मामले की अगली सुनवाई सात दिसंबर को नियत की है।
यह है पूरा मामला…
प्रबंधक सुरेन्द्र विक्रम सिंह ने श्री दुर्गा विद्या मंदिर इंटर कालेज में कार्यरत याची को एक नवंबर 2018 को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। याची ने बर्खास्तगी के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी जिस पर हाई कोर्ट ने याची के पक्ष में स्थगन आदेश पारित किया और कालेज को याची का वेतन और अन्य बकाया भुगतान करने को कहा।
प्रबंधक को अवमानना में सजा
श्री दुर्गा विद्या मंदिर इंटर कालेज प्रबंधन द्वारा हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया, बल्कि प्रबंधक ने दूसरे अभ्यर्थी को सहायक अध्यापिका के पद पर नियुक्ति दे दी। इसके पश्चात याची ने कोर्ट में अवमानना अर्जी दाखिल की। जिस पर सुप्रीम कोर्ट तक खिंची लड़ाई के बाद पीठ ने प्रबंधक को अवमानना में सजा सुना दी।
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